केंद्र सरकार बताए फौज की भर्ती पर रोक क्यों: इंद्रदत्त लखनपाल
हिमाचल में अढ़ाई वर्षो से फ़ौज में भर्ती नहीं हुई है और युवाओं का सरकार के प्रति विश्वास उठता जा रहा है। यह बात बीते दिनों बड़सर के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने कही। उन्होंने कहा कि हर वर्ष 50 से 60 हज़ार फौजी सेवानिवृत्त होकर घर आते हैं, जिनकी भरपाई हर रेजिमेंट को तुरंत चाहिए होती है। ऐसे में पिछले ढाई वर्ष में देश के फौजी भाइयों पर अतिरिक्त कार्य का दबाव है। हमारे युवा जो फ़ौज में भर्ती के लिए दिन रात पसीना बहा कर तैयारी करते हैं, उनके प्रति सरकार का यह रवैया अनुचित है.। इस समय फ़ौज में डेढ़ लाख पद के आसपास रिक्त हैं। उन्होंने कहा कि यदि इसी प्रकार से लम्बे समय तक इस पर रोक रही और भर्ती नहीं होगी तो नुक्सान केवल इन युवाओं का नहीं, देश का भी होगा। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में सरकार का तर्क था कि कोरोना आपदा है इसलिए भर्ती नहीं करवाई। चुनाव करवा लिए, बच्चों के एग्जाम करवा लिए, जनसभाओं को संबोधित कर लिया, जीत के जश्न मना लिए लेकिन भर्ती नहीं करवा पाए क्यूंकि कोरोना था। इन झूठे राष्ट्रभक्तों को मेजर जनरल यश मोर की बातें बहुत चुभेंगी, लेकिन सुननी चाहिए।
