दिल्ली दरबार में सीएम-डिप्टी सीएम की दस्तक, संगठन की सूरत बदलने की कवायद तेज

मुख्यमंत्री के बाद अब हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री भी दिल्ली दरबार में हाजिरी भर चुके हैं। मसला प्रदेश कांग्रेस संगठन में ताजपोशी का है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों अपने करीबियों को संगठन में समायोजित करवाने की कोशिशों में जुटे हैं। दोनों नेता कांग्रेस हाईकमान के सामने एक ही कहानी अपने-अपने नजरिए से पेश कर रहे हैं।
बीती शाम मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सांसद प्रियंका गांधी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की थी। आज उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने दिल्ली पहुंचकर हिमाचल कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल से मुलाकात की।
खबर यह है कि पिछले आठ महीनों से निष्क्रिय पड़े हिमाचल प्रदेश कांग्रेस संगठन को लेकर अब हाईकमान सक्रिय हो गया है। प्रदेश, जिला और ब्लॉक स्तर की सभी कार्यकारिणियां नवंबर से भंग पड़ी थीं। अब इन सभी स्तरों पर नए सिरे से संगठन तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो रही है और जल्द बदलाव की संभावना जताई जा रही है।
हाईकमान की मंशा है कि नए चेहरों को जिम्मेदारी दी जाए और पार्टी को मैदान में फिर से मजबूती से उतारा जाए। हालांकि नेतृत्व को लेकर अब भी आम सहमति नहीं बन पाई है।
एक ओर पार्टी का एक धड़ा मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को हटाने की मांग कर रहा है, वहीं हॉली लॉज खेमे की कोशिश है कि प्रतिभा सिंह की अध्यक्षीय पारी जारी रहे। यह फैसला अब पूरी तरह से हाईकमान के हाथ में है कि प्रतिभा सिंह को बनाए रखा जाएगा या किसी नए चेहरे को कमान सौंपी जाएगी।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस नेतृत्व अनुसूचित जाति कार्ड खेलने के विकल्प पर भी विचार कर रहा है। इस वर्ग से अध्यक्ष पद के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार, विधायक विनोद सुल्तानपुरी और सुरेश कुमार के नाम चर्चा में हैं। वहीं सामान्य वर्ग से कुलदीप राठौर, मंत्री अनिरुद्ध सिंह और विधायक संजय अवस्थी के नामों पर भी विचार किया जा रहा है।
अब देखना यह है कि कांग्रेस हाईकमान हिमाचल संगठन की कमान किसे सौंपता है और क्या पार्टी अंदरूनी खींचतान से उबरकर जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ फिर से बना पाती है।