मैं निर्दलीय पर मुख्यमंत्री ने देहरा वासियों को पक्ष में बिठाया : होशियार
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" यह सत्य है कि हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने देहरा वासियों को पक्ष में बिठाया। बीते चार वर्ष में लगभग 400 करोड़ रुपये की सौगातें देहरा विधानसभा क्षेत्र को मिली है। पिछले 70 वर्ष देहरा के इतिहास में देहरा को इतनी सौगातें कभी नहीं मिली। " ये कहना है देहरा के निर्दलीय विधायक होशियार सिंह का। फर्स्ट वर्डिक्ट मीडिया के साथ विशेष साक्षात्कार में होशियार सिंह ने क्षेत्र के विकास का सारा श्रेय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ - साथ देहरा की जनता को दिया। होशियार सिंह ने कहा कि जनता ने उन्हें जिताया, उन पर विश्वास जताया और उन्होंने भी हर अपेक्षा पर खरा उतरने का प्रयास किया। उन्होंने कभी भी विरोध की राजनीति नहीं की, केवल विकास की राजनीति की है। इस दौरान चाहे सेंट्रल यूनिवर्सिटी का मसला हो, पांग डेम विस्थापितों का मुद्दा या भविष्य की राजनीति को लेकर उनकी योजना, होशियार सिंह ने सभी प्रश्नों पर खुलकर अपनी बात रखी। पेश है बातचीत के मुख्य अंश ...
माना, सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनने में विलंब हुआ
विधायक होशियार सिंह ने वार्तालाप में माना कि देहरा में केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण में कहीं न कहीं विलंब हुआ है, परन्तु इसका जिम्मेदार उन्होंने पिछली सरकार को ठहराया। उन्होंने कहा की पिछले 5 वर्ष में जो कैम्पा फंड जमा करना था वो उन्होंने नहीं किया, इसी के साथ 5 साल फारेस्ट क्लीयरेंस के लिए चले गये। विधायक ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए बहुत प्रयत्न किए और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा भी इसके लिए प्रयत्न किए जा रहे हैं। भाजपा सरकार आई, उसके उपरांत जो पैसा भरना था वो भरा भी गया, लेकिन फिर जमीन की समस्या आ गई। पहले उक्त जमीन हायर शिक्षा के नाम थी फिर उसे सीयू के नाम किया गया। होशियार सिंह ने कहा कि कुछ शरारती तत्व हैं जिन्होंने इसे रोकने का कार्य किया गया। पर अब सारी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं। विधायक ने कहा उनके पास भी हाई कोर्ट का एक निर्णय है जिसमें यह साफ है कि बिना धर्मशाला की लेंड क्लियरेंस के देहरा में कार्य शुरू किया जाए, पर वाइस चांसलर ने इन ऑर्डर को इम्प्लीमेंट नही किया। अब वह हाई कोर्ट में अगले महीने वायस चांसलर के खिलाफ कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट खिलाफ लगाने जा रहे हैं, जिसकी पार्टी वह खुद होंगे। सीयू प्रशासन जानबूझ कर सभी को गुमराह कर रहा हैं जो कदापि बर्दाश्त नहीं है।
पोंग विस्थापितों के मामले में दोनों सरकारें फेल- होशियार सिंह
पोंग विस्थापितों के सवाल पर विधायक ने कहा कि सच यही है कि दोनों सरकारें इस मामले पर फेल हो गई। कोई सी भी सरकार इनके लिए उचित रणनीति नहीं बना पाई। विधानसभा में उन्होंने बार - बार इस प्रश्न को उठाया। सरकारों ने पांग डेम विस्थापितों को दर-दर भटकने के लिए छोड़ा। 1970 का जो एग्रीमेंट था उसकी धज्जियां उड़ा दी गई और किसी भी सरकार ने पांग डेम विस्थापितों के बारे में नहीं सोचा। होशियार सिंह कहते है कि " लगभग पांच लाख डेम विस्थापित हैं, कौन सा विधायक या मंत्री उनके लिए खड़ा हुआ सिर्फ अकेला यह इंडिपेंडेंट एमएलए कितनी लड़ाई लड़ेगा।" होशियार सिंह कहते है कि कई लोग ताना मारते है की बाल मुंडवाए है। हाँ, हमने बाल मुंडवाए, अपने दादा, पड़ दादाओं के लिए जिन्होंने कुर्बानियां दी, जिनके कारण पंजाब हरियाणा,राजस्थान हरा भरा हुआ। होशियार सिंह ने इस विषय पर मंत्री बिक्रम ठाकुर, सरवीन चौधरी और राकेश पठानिया सहित सांसद पर भी सवाल उठाये और पूछा कि किसने कितनी बार ये मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हम अपने प्रदेश में रिफ्यूजी बन गए और किसी ने यह मुद्दा नहीं उठाया। मैं मुद्दा उठता हूँ तो कोई साथ नहीं देता। अफसर डरते हैं कि हिमाचल एक छोटा राज्य और राजस्थान एक बड़ा प्रदेश है। पोंग डेम विस्थापितों की जमीन लूटी गई है। यह प्रदेश सरकारों की विफलता है।
मंत्री बनने की चाहत पर बोले होशियार सिंह
यूँ तो होशियार सिंह निर्दलीय विधायक है लेकिन मुख्यमंत्री जयराम के प्रति उनकी विशेष निष्ठा दिखती रही है। माना जाता है कि मुमकिन हुआ तो वे भाजपा में शामिल हो सकते है। भविष्य में मंत्री बनने की महत्वाकांक्षा के सवाल पर विधायक होशियार सिंह ने कहा कि वह अपने कार्य और जनता में विश्वास रखते हैं। वह अपने आप को एमएलए कम और सेवक ज्यादा मानते हैं। वह केवल जनता की सेवा करने के लिए आये हैं और पूरे भाव से सेवा कर रहे हैं। उन्हें न मंत्री बनने का शोक है और न इस कुर्सी का, बस जनता की सेवा करना ही उनका मुख्य लक्ष्य है। जो जनता बोलेगी वहीं होगा, जनता कहेगी कि चुनाव मत लड़ो तो वह नहीं लड़ेंगे।
बेहसरा मवेशियों के सवाल पर ये बोले विधायक
कुछ समय पहले विधायक होशियार सिंह ने दो टूक चेतावनी दी थी कि देहरा में सड़क पर घूम रहे बेसहारा मवेशियों के बारे में कोई समाधान नहीं हुआ तो एक महीने में इन्हें इक्कठा करके डीसी कार्यालय कांगड़ा छोड़ आएंगे। इस सवाल पर होशियार सिंह ने कहा कि बनखंडी से देहरा अब बेसहारा पशुओं की आबादी कम हो चुकी है। नेशनल हाइवे पर यह पशु बैठे रहते थे, इन्हें गौसदनो में भेज दिया गया था। परन्तु सवाल यह है कि स्थिति सामान्य होने के उपरांत इतने ज्यादा मवेशी सड़को पर फिर कैसे आ गए, क्या कोई इन्हें अन्य राज्यों से देहरा में छोड़ कर चला जाता है। जब तक इन पर बंदिशें नहीं लगाई जाएंगी, तब तक हम कुछ नहीं कर पाएंगे। हम जितने मवेशी पहुँचा सकते थे ,वह गौसदनो में पहुंचा दिए गए।
