जब बड़े- बड़े भाग गए थे तब मैंने पीठ नहीं दिखाई : विजय कर्ण
धर्मशाला से 2019 उपचुनाव में कांग्रेस के सुधीर शर्मा ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था और कांग्रेस द्वारा विजय इंद्र कर्ण को यहां से टिकट दिया गया। विजय इंद्र कर्ण ने कोशिश तो भरपूर की लेकिन नतीजे मनमाफिक नहीं आएं। अब फिर विजय इंद्र कर्ण ने टिकट पर अपना दावा जताया है। विजय इंद्र कर्ण के साथ फर्स्ट वर्डिक्ट ने आगामी विधानसभा चुनाव और उनकी दावेदारी को लेकर विशेष चर्चा की। उन्होंने खुलकर हर मसले पर अपनी राय रखी। पेश है बातचीत के कुछ अंश...
सवाल - 2019 में धर्मशाला से आपने चुनाव लड़ा, उस समय सुधीर शर्मा ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया जिस वजह से आपको टिकट दिया गया। 2019 में मोदी लहर थी और प्रदेश में भी भाजपा की नई-नई सरकार चुन कर आई थी। कहीं न कहीं कांग्रेस भी यह जानती थी कि वह यहां से चुनाव नहीं जीतेगी। क्या आप मानते है कि आपको बलि का बकरा बनाया गया था?
जवाब - यह सत्य है कि सुधीर शर्मा ने 2019 में चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था और जब पार्टी को जरूरत थी तो पार्टी ने मुझे चुनाव लड़ने के लिए कहा। मैंने इस चुनौती को स्वीकार किया और मैदान में उतरा। हालाँकि मुझे ज्ञात था कि मोदी लहर है, प्रदेश में भी भाजपा की नई चुनी हुई सरकार है और मुझे इस चुनाव के लिए लगभग 15 से 20 दिन का समय मिला था, जो बहुत कम था। इसके बावजूद मैंने चुनौती को स्वीकार किया, मैंने पार्टी को अपनी पीठ नहीं दिखाई और मैं भागा नहीं। मैं कांग्रेस पार्टी का सच्चा सिपाही बन कर मैदान में उतरा, जबकि बड़े लोग और जिन्हें लड़ना चाहिए था वह पीठ दिखा कर भाग गए, जो बहुत शर्मनाक है। यह लोग अच्छे दिनों में चुनाव लड़ेंगे और जब लगेगा कि चुनाव हार रहे है, नहीं जीत सकते, तो बीमारी का बहाना लगाएंगे और भाग जाएंगे। जनता आने वाले समय में ऐसे लोगों को स्वीकार नहीं करेगी।
सवाल - 2019 में आपने धर्मशाला से चुनाव लड़ा था लेकिन मौजूदा समय की बात की जाए तो विजय कर्ण ज्यादा एक्टिव नहीं दिखते है। क्या वजह है ?
जवाब - जहाँ तक एक्टिव होने का सवाल है तो मैं मीडिया और फेसबुक पर एक्टिव नहीं हूँ, लेकिन जहाँ तक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से सम्बन्ध बनाने की बात है तो चुनाव हारने के बाद मैं निरंतर उनके संपर्क में हूँ। जहाँ मुझे बुलाया जाता है, मैं जाता हूँ। कोई कार्य हो तो मैं हमेशा हाज़िर रहता हूँ।
सवाल - धर्मशाला में कांग्रेस में गुटबाजी जगजाहिर है। चुनाव नजदीक है और ऐसे में कई धड़ों में बटी पार्टी को कैसे मजबूत किया जाएगा?
जवाब - देखिये अगर बाहर से आये एक व्यक्ति को वापिस भेज दिया जाये तो कांग्रेस एकजुट भी होगी और पार्टी को मजबूती भी मिलेगी। मैं बता दूँ कि पूरी कांग्रेस संगठित है बस एक आदमी का विरोध है, जो जबरदस्ती यहाँ अपना डेरा डाले हुए है। उस व्यक्ति को बाहर कर दीजिए तो कांग्रेस यहाँ से सीट जीत जाएगी। धर्मशाला कांग्रेस में कई सक्षम लोग है। पिछले नगर निगम चुनाव में उस शख्स ने जहाँ भी अपनी फोटो लगाई, वहां पर प्रत्याशी चुनाव हार गए। हालाँकि प्रत्याशी अच्छे थे, लेकिन जो ग़ुस्सा जनता ने किसी और पर उतारना था वो ग़ुस्सा उन प्रत्याशियों पर उतार दिया। केवल एक व्यक्ति ने कांग्रेस को डिस्टर्ब करके रखा है। उस व्यक्ति को आप बाहर का रास्ता दिखाइए, कांग्रेस उभर के सामने आएगी।
सवाल - आप जिस व्यक्ति की बात कर रहे है वही व्यक्ति 2012 में यहाँ से चुनाव जीते थे और कांग्रेस की सीट यहाँ से लाए थे। ऐसे में 2017 में ऐसी क्या बात हुई कि उनके प्रति विरोध दिखने लगा?
जवाब- काम होने के बावजूद भी यदि किसी को हराया गया है, तो कोई न कोई तो कमी रही होगी। मुख्यतः लोगों के बीच में न जाना, जमीनी पकड़ न होना, उनके कामों के बारे में उनको जवाब न देना, फ़ोन ना उठाना, इसके अलावा कई और कारण भी रहे। यहाँ पर गुंडागर्दी हुई, उसका ठीकरा भी उनके सर पर ही फूटा, क्यूंकि वह मंत्री थे। उसकी कोई भी जाँच नहीं हुई। इस पूरे परिदृश्य में लोगो को लगा कि इसमें एक बड़े मंत्री का हाथ है। लोगों ने अपने मन में यह टीस रखी। धर्मशाला के लोग सभ्य है और पढ़े लिखे है, उन्हें पता है क्या सही है क्या गलत है। मुझे लगता है इन सब कारणों की वजह से वह चुनाव हारे है।
सवाल : जग्गी भी टिकट के लिए अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने की बात कह चुके है। सुधीर शर्मा भी एक्टिव हो चुके है। क्या विजय कर्ण आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे ?
जवाब - कांग्रेस एक लोकतान्त्रिक पार्टी है और यहां कोई भी अपनी दावेदारी रख सकता है। निश्चित तौर पर मैं 2022 में अपनी दावेदारी पेश करूँगा। मैं यह भी जरूर कहना चाहूंगा कि पहला हक मेरा है क्यूंकि मैं उस वक्त खड़ा हुआ जिस वक्त बड़े-बड़े नाम और खुद को ईमानदार कार्यकर्ता और सदस्य कहने वाले लोग भाग गए। टिकट पर पहला हक मेरा ही बनता है।
सवाल : सुधीर शर्मा द्वारा हाल ही में युवा सम्मेलन करवाया गया जिसमें काफी संख्या में युवाओं ने भाग लिया। क्या कहना चाहेंगे ?
जवाब - जो युवा सम्मलेन करवाया गया था उसमे युवाओं को आकर्षित करने के लिए प्रलोभन दिया गया और प्रलोभन के चलते युवा आये, न केवल धर्मशाला के बल्कि ज्वाली, शाहपुर, पालमपुर और बैजनाथ से लोग आए। जितनी मुझे जानकारी मिली है उस अनुसार धर्मशाला के युवाओं की तादाद करीब 100 से 150 थी। वे अपनी छवि को ठीक करने में जुटे है। यदि खुद को ग़लतफहमी में रखेंगे तो आने वाले समय में नुकसान उनका और पार्टी का होगा। जनता को पता है कि यह षड्यंत रचते है और इस बार धर्मशाला के लोग इनको आईना दिखाएंगे।
सवाल - 2019 में आपके प्रतिद्वंदी रहे राकेश चौधरी भी आम आदमी पार्टी में शामिल हो चुके है। कांग्रेस के कई कार्यकर्त्ता और पदाधिकारी कांग्रेस को छोड़ चुके है, किस तरह से देखते है कि आने वाले में समय में आम आदमी पार्टी कितना प्रभाव डालेगी ?
जवाब : चुनौती छोटी हो या बड़ी उसे गंभीरता से लेना चाहिए। कांग्रेस के लोगों को भी आम आदमी पार्टी को गंभीरता से लेना चाहिए, यह बहुत जरूरी है। पंजाब में जिस तरह से आम आदमी 92 सीटें ले कर आई उससे हिमाचल में भी असर हो सकता है, जिस तरह से कांग्रेस से लोगों का पलायन हो रहा है उसको देख कर कही न कही दिखता है कि लोग आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ना चाहते है। यह हमारे नेताओं को तय करना है कि जमीनी स्तर पर काम कर रहे कार्यकर्ताओं को कैसे पार्टी से जोड़ कर रखना है। इसके बारे में विचार विमर्श और बैठकें करनी चाहिए। अन्य पार्टियों ने भी अपने कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए सम्मलेन किए है और अपने लोगो को आम आदमी पार्टी में जाने से रोक रहे है। कांग्रेस को भी इस चुनौती को गंभीरता से लेना पड़ेगा नहीं तो आने वाले समय में बड़ा नुकसान हो सकता है।
सवाल - आपसे अंतिम सवाल धर्मशाला में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए क्या कार्य किये जा रहे है ?
जवाब - कांग्रेस का कोर वर्कर जो लम्बे समय से पार्टी में है, वह सभी कार्यकर्ता एकजुट है। वही कार्यकर्ता कांग्रेस की रीड की हड्डी है। उन लोगों को भी पता है कि किस गांव में कौन सा व्यक्ति कांग्रेस का है और किस गाँव में क्या समस्या है। हम सब लोग उनके साथ संगठित है और वही लोग 2022 के विधानसभा में कांग्रेस की जीत दर्ज करवाएंगे।
