लगेगी हैट्रिक या बोल्ड हो जायेंगे जगत सिंह !
विधानसभा चुनाव की हलचल शुरू हो चुकी है और जिला किन्नौर में भी सियासत परवान पर है। बीते दो चुनाव में यहाँ कांग्रेस विजयी हुई है और दोनों मर्तबा जगत सिंह नेगी ही कांग्रेस का चेहरा रहे है। अब जगत सिंह नेगी और कांग्रेस दोनों की निगाहें हैट्रिक पर है। नेगी विधानसभा में अक्सर सरकार को घेरते हुए दिखाई देते है, जनता के मुद्दों को सरकार के सामने रखने में भी नेगी पीछे नहीं, इसके बावजूद भी इस बार डगर कठिन दिख रही है। दरअसल किन्नौर कांग्रेस में गुटबाजी हावी है। विधायक जगत सिंह नेगी वीरभद्र गुट से आते हैं तो युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष निगम भंडारी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी हैं। बेहद कम समय में निगम भंडारी एक प्रभावशाली युवा नेता के तौर पर उभरे है और पार्टी का एक तबका चाहता है कि निगम ही आगामी चुनाव में पार्टी प्रत्याशी हो। हालाँकि खुद निगम अब तक इस बारे में खुलकर नहीं बोल रहे है लेकिन अगर वे चुनाव लड़ने में रूचि दिखाते है तो जगत सिंह नेगी के लिए मुश्किल हो सकती है। दूसरा फैक्टर जिससे जगत सिंह नेगी को जूझना पड़ सकता है तो वो है एंटी इंकम्बैंसी। बेशक इस वक्त प्रदेश में भाजपा की सरकार हो लेकिन किन्नौर में बीते दस साल से जगत सिंह नेगी ही विधायक है। ऐसे में कुछ लोगों का वोट बदलाव की ओर जा सकता है, ऐसा जानकारों का मानना है। वहीं पिछले चुनाव में जगत सिंह नेगी महज 120 वोटों से जीते थे। इस विधानसभा चुनाव को भाजपा यदि एकजुट होकर लड़ती है तो ये मामूली अंतर खत्म करना भाजपा के लिए कठिन नहीं होगा । हालांकि उससे पहले किन्नौर में बिखरी हुई भाजपा का एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरना बेहद ज़रूरी होगा।
वहीं प्रदेश में आम आदमी पार्टी की एंट्री ने भी कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी है। जंगी थोपन जैसी परियोजनाओं के चलते किन्नौर में वैसे भी दोनों राजनीतिक दलों को विरोध का सामना करना पड़ा है। कुछ माह पूर्व हुए मंडी संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में कई पंचायतों ने मतदान का बहिष्कार किया, तो कई ने नोटा का इस्तेमाल किया। ऐसे में जानकार मानते है कि किन्नौर के लोग नए राजनीतिक विकल्प की तरफ भी जाएँ तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
सिर्फ ठाकुर सेन नेगी लगा सके है हैट्रिक :
किन्नौर के चुनावी इतिहास पर नज़र डाले तो अब तक सिर्फ ठाकुर सेन नेगी ही जीत की हैट्रिक लगा सके है। ठाकुर सेन नेगी 1967 से 1982 तक लगातार चार चुनाव जीते। दिलचस्प बात ये है कि वे तीन बार निर्दलीय और एक बार लोकराज पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते। फिर वे भाजपा में शामिल हो गए और एक बार 1990 में भाजपा टिकट से भी जीतने में कामयाब हुए। ठाकुर सेन नेगी के अलावा जगत सिंह नेगी ही इकलौते ऐसे नेता है जिन्होंने लगातार दो चुनाव जीते हो। पर क्या जगत सिंह नेगी हैट्रिक लगा पाएंगे या क्लीन बोल्ड होंगे, ये देखना रोचक होगा।
