लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
बुधवार को लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई। ओम बिरला के अनुसार संसद के मॉनसून सत्र की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पा रही थी। दरअसल, विपक्ष पेगासस जासूसी कांड, कृषि कानून, बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दे पर लगातार सरकार को घेरता रहा और संसद में हंगामा होता रहा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सत्र में कार्यवाही अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रही। निरंतर व्यवधान के कारण महज 22 प्रतिशत उत्पादकता रही। सत्र के दौरान संविधान के 127वें संशोधन विधेयक सहित कुल 20 विधेयक पारित किए गए। 66 प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए। सदस्यों ने नियम 377 के अधीन 331 मामले भी उठाए।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जो पार्टी दो वर्ष तक अपना अध्यक्ष न चुन पाए, जिसके सांसद अपनी ही सरकार के बिल फाड़ दें, जो पार्टी सदन न चलने दें, जो सड़क पर भी करने में लोग शर्म महसूस करते हैं वो सदन में किया जाए, सोचिए लोकतंत्र को कितना शर्मसार करने का काम किया जा रहा। देश की जनता ने जिन्हें सांसद बनाकर भेजा है अपने मुद्दे उठाने के लिए वे फाइलें फेंके, हंगामा करें, करोड़ों रुपये सदन चलाने के लिए खर्च किए जाते हैं लेकिन जब चर्चा होती है तो ये लोग भाग नहीं लेते। बीते कल जो राज्यसभा में हुआ, पहले मंत्री का बयान फाड़ दिया गया। फिर टेबल पर चढ़कर राज्यसभा अध्यक्ष की चेयर पर फाइल फेंकी गई, ये शर्मनाक है। राज्यसभा में विपक्षी सांसदों की तरफ से हंगामा करने वाले सांसदों के खिलाफ मामले को संसद की एथिक्स समिति के पास भेजा जा सकता है। सरकार चाहती है कि राज्यसभा में हंगामा करने के दोषी सांसदों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।