मुंगेरी लाल के सपने देख रही भाजपा, कांग्रेस की होगी अगली सरकार : विप्लव
फर्स्ट वर्डिक्ट । धर्मशाला
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता विप्लव ठाकुर हर मसले पर बेबाकी से अपनी राय रखने के लिए जानी जाती है। पूर्व में मंत्री रही विप्लव राज्यसभा सांसद भी रही है और अपने लंबे राजनीतिक जीवन में एक सच्चे सिपाही की तरह कांग्रेस के लिए डटी रही है। इन दोनों विप्लव ठाकुर कांग्रेस की डिसिप्लिनरी कमिटी की अध्यक्ष भी है। कांग्रेस में दिख रही गुटबाजी, भाजपा का मिशन रिपीट का दावा, और विधानसभा चुनाव में उनकी दावेदारी को लेकर फर्स्ट वर्डिक्ट ने विप्लव ठाकुर से विशेष बातचीत की। पेश है बातचीत के मुख्य अंश ....
सवाल : धर्मशाला में हाल ही में कांग्रेस नेताओं के बीच हुई आपसी नोक-झोंक के कारण अनुशासनहीनता देखने को मिली है, इसे लेकर आप क्या कहेंगी ? आप पर तो पूरे प्रदेश में पार्टी को अनुशासन में रखने का दायित्व है।
उत्तर : यह कांग्रेस नेताओं की नोक-झोंक नहीं है बल्कि दो 2 भाइयों की आपसी मतभेद है। मेरा मानना है कि इस सम्बन्ध में कोई भी बात कहना अनुचित है। इनके झगड़े का कारण कम्युनिकेशन गैप या आपस में मन मुटाव हो सकता है, जो बाहर आ गया हो। इस पूरे परिदृश्य में पार्टी के खिलाफ दोनों गुटों में से कोई नहीं बोला और जब तक पार्टी के खिलाफ न बोले या पार्टी की पॉलिसी की निंदा न करे तब तक ये अनुशानहीनता में नहीं आता। मेरा मानना है कि किसी के निजी जीवन के बारे में टिप्पणी करना गलत होगा।
सवाल - इस पूरे प्रकरण को देख कर आपको ऐसा नहीं लगता कि धर्मशाला में कांग्रेस दो गुटों में बंट गयी है। 2017 और 2019 के चुनाव में भी पार्टी इसका खामियाजा भुगत चुकी है, क्या कहेंगी आप ?
उत्तर : मैं अगर बात करूं 2019 उपचुनाव की तो मेरा मानना यह है कि उस वक़्त जो सरकार सत्ता में होती है उसका प्रभाव जनता पर होता है और जनता उसके साथ ही चली जाती है। धर्मशाला की जनता को मालूम था कि अभी इनका समय है और हम लोगों को काम करवाने है। यदि विपक्ष का विधायक ले भी आए तो वह कुछ ज्यादा कर नहीं पाएगा। लोग विकास को प्राथमिकता देते है और उसी के मुताबिक वोट डालते है, खास कर उपचुनाव में ऐसा ही होता है। जहाँ तक गुटों का सवाल है तो ये बताइये कि कौन सी पार्टियों में गुटबाजी नहीं है, आप भाजपा में ही देख लीजिये, सांसद किशन कपूर और वर्तमान विधायक नैहरिया के बीच मतभेद दिखता है। ये हर पार्टी में होता है, असल बात तब सामने आती है जब चुनाव वर्ष नजदीक होते है। गुटबाज़ी की यदि बात करें तो अलग-अलग राय हो सकती है लेकिन विचारधारा से सब बंधे होते है, उसे मैं गुटबाजी नहीं कहती। अब परिवार में भी मतभेद हो जाते है, इसे गुटबाजी नहीं कहते। मैं इतना ही कहूंगी कि कांग्रेस में मनभेद नहीं है।
सवाल : प्रदेश सरकार दावा कर रही है कि इन चार सालों में अथक विकास कार्य हुए है, भाजपा सरकार की नीतियों के बारे में आप क्या कहेंगी।
उत्तर : भाजपा सरकार की कोई नीतियां ही नहीं है। मुझे अफ़सोस होता है कि प्रधानमंत्री जिस तरह से बोल रहे है, जिस तरह से वह बात कर रहे है, वो कोई विचारधारा की बात नहीं है, कोई विकास की बात नहीं है। वो केवल कटाक्ष करना जानते है। प्रदेश की बात की जाये तो विकास के दावे करने और घोषणाएं करने मात्र से विकास नहीं होते, इसके लिए धरातल पर काम करना पड़ता है। भाजपा का एक ही मकसद है और इनके लिए राजनीति का एक ही पर्याय है, घोषणाएं कीजिये और मंच से वाहवाही लूटिए। इनकी कोई भी नीति नहीं है। महंगाई चरम पर है , युवा बेरोजगार है और किसान भी परेशान है।
सवाल : ओपीएस बहाली का मुद्दा राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा बन चुका है। इसी बीच भाजपा लगातार कह रही है कि प्रदेश में नई पेंशन कांग्रेस सरकार के समय लागू हुई। इसे लेकर क्या कहेगी ?
उत्तर : देखिये भाजपा पार्टी की एक नीति है कि जिन मसलों का हल करने में भाजपा के हाथ पैर फूल जाते है, उसका सारा ठीकरा वो कांग्रेस पर फोड़ते है। ये इनकी पुरानी और अहम नीति है। ये हर चीज के लिए कांग्रेस सरकार को कह देते है कि अगर ये खराब हो गया तो नेहरू जी कर गए, बारिश नहीं आ रही तो नेहरू का कसूर है, बाढ़ आ गई तब नेहरू का कसूर है। सात साल से तो भाजपा सत्ता में है, उसी के साथ वाजपेयी भी पीएम रहे है, हिमाचल में भी भाजपा की सरकार काफी वर्ष रही है। जरा इनसे पूछिए कि इन्होंने क्या किया है, आप अपने दादा को ही कोसते रहोगे और पोता ये कहेगा कि मैं अगर कुछ नहीं कर पाया तो ये दादा का कसूर है। यह तो बात नहीं बनती है, आप अपना बताइये कि आपका क्या रिकॉर्ड है, आपने क्या किया है, आपकी क्या नीति है। अगर कांग्रेस सरकार की तरफ से गलत हुआ है तो आप उसे सॉल्व कीजिये, आप इसका समाधान कीजिये। किसलिए लोगों ने आपको चुना है। आपको दो टर्म्स दे दी और बहुमत दिया। इसके बावजूद भी आप कांग्रेस को ही कोसते हो तो इसका मतलब है कि कमी आप में है। अब इसी कमी को दुरुस्त तो भाजपा को स्वयं करना होगा, थोड़ा कार्यशैली में सुधार कीजिये और कांग्रेस पर ठीकरा फोड़ना छोड़ दीजिये।
सवाल : उपचुनाव में कांग्रेस चारों सीटों पर काबिज हुई लेकिन भाजपा लगातार कह रही है कांग्रेस की जीत का कारण सहानुभूति फैक्टर है, इस बात को लेकर आपकी क्या राय है।
उत्तर : देखिये सहानुभूति का फैक्टर कोई नहीं है, आप मंडी सीट हार रहे है, वहां से आप मुख्यमंत्री है, महेंद्र सिंह एक ताकतवर मंत्री है, आपने सारी सीटें विधायक की वहां जीती है, उसके बावजूद हार रहे है, इसकी क्या वजह है। कोई तो कारण है, अगर सहानुभूति की ही बात होती तो फिर तो हम लाखों सीटें जीत चुके होते। लोगों के दिलों में भाजपा के लिए सब कुछ खत्म हो चुका है क्यूंकि जितना ये झूठ बोलते है, जितनी ये बाते करते है वो ग्राउंड पर तो है ही नहीं। लोग इस बात को समझने लग गए है कि भाजपा की कथनी और करनी के बीच कोई मेल नहीं है। भाषण देने के लिए आप तैयार है और मंडी में सबसे बड़ी बात है कि, महेंद्र देख रहे है और जयराम अपना देख रहे है, बाकि सारा सफा है।
सवाल : कांगड़ा में नए जिले बनाने की मांग लगातार उठ रही है और कहीं न कहीं भाजपा का एक सकारात्मक रवैया भी इस ओर देखने को मिल रहा है। आप कैसे देखती है ?
उत्तर : सकारात्मक रवैया नहीं है, ये केवल राजनीतिक स्टंट है, चार साढ़े चार साल ये क्या करते रहे। शुरू में इन्होंने जिले क्यों नहीं बना दिए। भाजपा के लोग चुनाव के नजदीक आते ही जनता के हर मुद्दे का जवाब हाँ में हाँ कर के देते है। प्रदेश की भोलीभाली जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा, चुनाव के बाद इनको यह नहीं पता होता कि किसने इन्हें वोट दिया।
सवाल : यदि भाजपा चुनाव से पहले ये जिले बना लेती है तो आपको नहीं लगता कांग्रेस को इसका नुक्सान हो सकता है ?
उत्तर : नहीं, नुक्सान कैसे होगा। इतनी ज्यादा तहसीलें वीरभद्र सिंह के समय पर खुली है, इतने एसडीएम दफ्तर खुले है, इतने कॉलेज खुले थे , लोगों ने क्यों नहीं वोट दिया हमें। कांगड़ा में ही मेरी जानकारी अनुसार बहुत ज्यादा कालेज खोले गए, तहसीलें खोली गई, एसडीएम के दफ्तर खोले गए और विकास के इतने कार्य किये गए। जब चुनाव आता है तो जनता के मुद्दे और होते है। आज सबसे बड़े मुद्दे है बेरोज़गारी, महंगाई, सड़कों की बुरी हालत, इस ओर जनता न देखे, न सोचे, इसलिए इन्होंने जिलों का शगूफा छेड़ दिया। अगर जिले बनाने थे तो 4 साल क्या सोचते रहे। क्यों नहीं बना दिए जिले, चुनाव के समय पर ही भाजपा को जिले बनाने का ख्याल आता है। आपका शिमला भी इतना बड़ा है, क्यों वहां नया जिला नहीं बना रहे। मंडी में 10 विधानसभा है, कांगड़ा में 15 है , क्यों मंडी में नया जिला नहीं बना रहे। ये तो हम कांगड़ा वालों की नालायकी है कि हम एकत्र नहीं होते, नहीं तो आज मुख्यमंत्री कौन होता और कौन नहीं होता, यह सब हमारे हाथ में होता।
सवाल : 2022 का चुनाव नज़दीक है, क्या तैयारियां है और जरूर जानना चाहेंगे कि क्या आप 2022 में चुनाव लड़ेगी ?
उत्तर : मेरा तो कोई विचार नहीं है चुनाव लड़ने का। पिछली बार भी मैं नहीं लड़ना चाहती थी, हाईकमान ने कहा तो मैंने चुनाव लड़ा लेकिन अभी मेरा कोई विचार नहीं है। वहीं 2022 को लेकर हमारी ब्लॉक स्तर पर मेम्बरशिप हो रही है, हर कोई ब्लॉक में जा रहा है। जो विधायक है वो अपने अपने विधानसभा क्षेत्र में जा रहे है। भाजपा की जो कमियां है उनको उभारा जा रहा है। युवा कांग्रेस अलग लगी हुई है, महिला कांग्रेस अलग है, सेवा दल अलग है, हर कांग्रेस कार्यकर्ता इसके लिए कार्य कर रहा है और जो हमारे सीएलपी लीडर है वो भी काम कर रहे है। प्रदेश अध्यक्ष राठौर भी पूरे हिमाचल का दौरा कर रहे है, काम कर रहे है। हर कोई कांग्रेस के लिए कार्य कर रहा है। अगर हम ये 4 उपचुनाव जीते है तो सहानुभूति हो सिर्फ वजह नहीं है, कांग्रेस में जो एकता थी, जो कांग्रेस ने एकता दिखाई है, इसलिए हम 4 सीटें जीते है। इस वर्ष होने वाले चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी एकता का प्रमाण नतीजों से देगी और मुझे पूरी उम्मीद है जनता का साथ कांग्रेस को मिलेगा।
सवाल : विप्लव जी लेकिन भाजपा तो मिशन रिपीट का दावा कर रही है और लगातार कहा जा रहा है कि कांग्रेस के पास न दिशा है न ही कोई मुख्य चेहरा।
उत्तर : मुझे एक नया प्रोजेक्ट बता दीजिये जो ये लाये हो। कोई भी नया काम नहीं किया है, सड़कों का, नेशनल हाईवे का, गडकरी घोषणाएं कर के गए थे, कोई बना? फोरलेन की बात चल रही है, कहाँ है वो फोरलेन। जो लोग बेचारे बेघर हो रहे है उनको अभी तक मुआवजा नहीं मिला है। आप धर्मशाला में ही ले लीजिए, स्मार्ट सिटी की बात कर गए, धरातल पर क्या किया ? जो पहले का बजट था वही लगा है। पालमपुर वाले रो रहे है कि निगम तो बना दी है लेकिन न तो स्टाफ है न बजट है। क्रिएट करने के लिए आपको इंफ्रास्ट्रक्चर तो देना चाहिए। टनल की बात करते है, टनल तो कांग्रेस के समय पर ही शुरू हो गई थी। उसका डीपीआर बन गई थी, सब कुछ बन गया था। हम इनकी तरह तो नहीं घोषणा कर देते कि बुलेट ट्रैन आ रही है, वन्दे भारत ट्रेनें आ रही है, हम ये दे रहे है वो दें रहें है। एक एम्स तक तो बिलासपुर का बना नहीं है इनसे समय पर। कांग्रेस पार्टी संगठित है और दमदार तरीके से चुनाव भी लड़ेंगे। इन लोगों को मेरी नसीहत है कि मुंगेरी लाल के हसीं सपने देखना बंद कीजिये और देश प्रदेश में जो आपकी बदहाली की स्थिति है उस वास्तविकता को समझिये और खुद को सक्षम कीजिये।
सवाल : देहरा से 2017 में आपने चुनाव लड़ा था और देहरा में कांग्रेस अध्यक्ष ने हाल ही में नए साल का कैलेंडर जारी किया था जो काफी विवादों में रहा था, उन्होंने कैलेंडर में कांग्रेस को देश की माँ कहा था। क्या इसको लेकर कहेंगी ?
उत्तर : ठीक किया है, अगर वो करते है तो ये भी ठीक है। वो ठीक कर रहा है, ब्लॉक प्रधान ने निजी तौर पर उसे बनाया है। माँ ही है, आज़ादी की आप लड़ाई से देख लीजिये, अगर आज इस देश को आजादी मिली है, इस देश की ये तस्वीर बनी है तो ये कांग्रेस पार्टी ने ही दी है। कांग्रेस पार्टी ने इस देश को माँ की तरह सींचा है। चाहे नेहरू थे, पटेल थे, मौलाना आज़ाद थे, सभी कांग्रेसी थे। माँ का काम होता है, वो बच्चे को सींचती है, बच्चे का भविष्य बनाती है, बच्चे को संस्कार देती है, कांग्रेस ने यही किया है। मैं इसको बिलकुल सही मान रही हूँ। मुझे बता दीजिए किस तरह से नहीं सिचा, आज जो 70 साल में आप सारा इंफ्रास्ट्रक्चर देख लीजिए कि क्या हमारे बुज़ुर्गों का था और आज क्या है। गाड़ियां देख लीजिए, कारें देख लीजिए, क्या ये सात साल में मोदी ले कर आये है। कांग्रेस ने आजादी की लड़ाइयां भी लड़ी, विकास भी किया, टेक्नोलॉजी भी लाई। आज जितने भी ये चंद्रयान जा रहे है या बाकि सब है उसकी फाउंडेशन किसने रखी, भामा को कौन लाया, सारा भाई को कौन लाया, तो ये माँ का ही काम होता है।
