इंदौरा कांग्रेस में नहीं कोई गुटबाज़ी - कमल किशोर
इंदौरा विधानसभा क्षेत्र में कई वर्षों से भाजपा का राज रहा है। एक लम्बे समय से यहाँ कांग्रेस जीत दर्ज़ नहीं कर पाई है। पूर्व में कांग्रेस से 2012 और 2017 में प्रत्याशी रहे कमल किशोर से फर्स्ट वर्डिक्ट द्वारा कांग्रेस के बुरे प्रदर्शन और स्थानीय मुद्दों को लेकर चर्चा की गई। पेश है बातचीत के कुछ अंश......
सवाल : आप इंदौरा से पिछले 2 चुनाव लड़ चुके है और दोनों ही चुनाव आप नहीं जीत पाए, आपसे जानना चाहेंगे की आप क्या कारण मानते है कि इंदौरा में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई है?
जवाब : इंदौरा विधानसभा क्षेत्र से लंबे समय तक कांग्रेस का प्रत्याशी नहीं जीत पाया है इसके कई कारण है। सबसे बड़ा कारण यह है कि आज से 15 साल पहले जब बोधराज यहां से विधायक थे तो ऐन मौके पर उनका टिकट काट दिया गया था, जिस कारण कांग्रेस पार्टी यहां से कोई भी प्रत्याशी नहीं उतार पाई। लंबे समय तक क्षेत्र खाली रहा और उसके बाद मुझे टिकट मिला, लेकिन बदकिस्मती से उस समय हम चुनाव नहीं जीत सके। यहां से भारतीय जनता पार्टी के ही एक प्रत्याशी जिन्हे भाजपा द्वारा 2012 में टिकट नहीं दिया गया था, उन्होंने बतौर आज़ाद उम्मीदवार चुनाव लड़ा और जीत दर्ज़ की। उस दौरान भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को केवल दस हज़ार वोट मिले और मुझे साढ़े 14 हज़ार वोट मिले थे। 2012 में कांग्रेस की सरकार बनी और आज़ाद प्रत्याशी कांग्रेस सरकार में एसोसिएट मेंबर बन गए, लेकिन उन्होंने एसोसिएट मेंबर बनने के बाद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया। उसके बाद हमने 5 साल लगातार मेहनत की और लोगों के बीच गए। हम लोगों के छोटे-मोटे काम करते रहे। फिर 2017 के चुनावों में मुझे यहां से टिकट मिला, लेकिन उस समय भी बदकिस्मती से हमारे कुछ कार्यकर्ताओं ने भितरघात किया जिस कारण मैं कुछ वोटों से चुनाव हार गया। मैं लगातार जनता के बीच हूं, जनता की सेवा कर रहा हूं। मैं यह भी बता देना चाहूंगा कि इंदौरा में कांग्रेस के मत ज्यादा है। यहाँ ज्यादा वोटर कांग्रेस विचारधारा के हैं लेकिन ऐन मौके पर हमारे कुछ लोग अपनी पार्टी की विचारधारा छोड़कर दूसरे लोगों के साथ अपने किसी मतलब के लिए चले जाते हैं। इस कारण कांग्रेस को हार का मुँह देखना पड़ता है।
सवाल : इंदौरा कांग्रेस में गुटबाजी देखने को मिल रही है, क्या आपको नहीं लगता कि आने वाले विधानसभा चुनाव में यह पार्टी के लिए गंभीर समस्या बन सकती है ?
जवाब : इंदौरा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के कार्यकर्ता एकजुट है और कांग्रेस में कोई भी गुटबाज़ी नहीं है, लेकिन कुछ ऐसे महत्वकांक्षी कार्यकर्ता है जो रातो रात विधायक बनना चाहते हैं या बड़े आदमी बनना चाहते हैं। इन लोगों को कहीं न कहीं भारतीय जनता पार्टी के लोगों की शय होती है। इस कारण हम इसे गुटबाजी का नाम नहीं दे सकते और ना ही यहाँ गुटबाजी है। हमारे यहां करण सिंह पठानिया जो हमारे कोषाध्यक्ष है, वीरेंद्र सिंह मनकोटिया जो हमारे ब्लॉक प्रधान है, इसके अलावा पूर्व ब्लॉक प्रेसिडेंट है, हम सब एक साथ है और इकठ्ठे कार्य कर रहे हैं। हम सब पार्टी का कार्य कर रहे हैं और यहाँ गुटबाजी की कोई गुंजाइश नहीं है।
सवाल : क्या मौजूदा विधायक के कार्यों से आप संतुष्ट है?
जवाब : कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर टाडा पंचायत का एक वीडियो वायरल हुआ था। टाडा पंचायत से मौजूदा विधायक को काफी संख्या में वोट मिले थे, लेकिन वहां के युवा संतुष्ट नहीं है । वीडियो में युवाओं ने कहा कि विधायक साढ़े 4 साल के बाद क्षेत्र में गई है। इस कारण लोग काफी निराश है । जहां तक अन्य कार्यों की बात है तो जिस स्तर पर कार्य होने चाहिए थे वह कार्य नहीं हो पाए हैं। अभी भी 90% सड़कों का बुरा हाल है। मैं मानता हूं कि जो पुरानी दो-चार सड़के है उन्हें ठीक किया गया है, लेकिन वह भी टूटना शुरू हो गई है। हाल ही में मंड क्षेत्र का एक वीडियो वायरल हुआ था। उक्त सड़क पर ₹12 करोड़ का खर्च हुआ लेकिन वह सड़क पूरी नहीं हुई। उक्त सड़क की डीपीआर अलग थी और मौके पर स्थिति कुछ और ही थी। इसलिए लोग पूरी तरह से हताश है और निराश है। जहाँ तक बेरोजगारी का सवाल है तो आज तक क्षेत्र के युवा बेरोज़गार है। एक भी व्यक्ति को रोजगार नहीं दिया गया है, उल्टा जो हमारे युवा फैक्ट्रियों में लगे हुए थे उनको निकाल दिया गया और उनके साथ अभद्र व्यवहार भी किया गया, लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। युवा बेरोज़गार है और वह सरकार का पूरी तरह से विरोध कर रहे है।
सवाल : क्या आगामी विधानसभा चुनाव में कमल किशोर चुनाव लड़ेंगे ?
जवाब : यदि कांग्रेस पार्टी मुझे टिकट देती है तो मैं निश्चित तौर पर दमखम से चुनाव लडूंगा और जीतूंगा भी। मैं अपनी दावेदारी भी पेश करूँगा क्योंकि मैं यहाँ से पुराना प्रत्याशी भी रहा हूँ और मैं कुछ ही वोटों से हारा था। इसी के साथ मैं हिमाचल प्रदेश कांग्रेस एससी डिपार्टमेंट का महासचिव हूँ। मैं लोगों के बीच भी जा रहा हूं, लोगों के हर सुख दुख में भी शामिल हो रहा हूँ, लोगों के बीच में ही हूँ। यदि कांग्रेस पार्टी मुझे टिकट देती है तो मैं निश्चित तौर पर चुनाव लडूंगा।
सवाल : पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद हिमाचल में भी लोग आम आदमी पार्टी का रुख कर रहे हैं। इसी के साथ पंजाब के साथ सटी विधानसभाओं में इसका ज्यादा प्रभाव देखने को मिल रहा है। कांग्रेस के कई लोग आम आदमी पार्टी का रुख कर रहे हैं। आपको क्या लगता है क्या इंदौरा में आम आदमी पार्टी प्रभाव डाल पाएगी ?
जवाब : जहां तक पंजाब का सवाल है तो पंजाब में आपसी खींचतान की वजह से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। इसी वजह से पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बन पाई है, लेकिन हमारे हिमाचल में ऐसा नहीं है। हमारे हिमाचल की राजनीति और पंजाब की राजनीति में बहुत फर्क है। मुझे नहीं लगता कि हिमाचल प्रदेश में इनके दो या चार विधायक भी जीत पाएंगे और जहां तक इंदौरा का सवाल है तो इंदौरा से आम आदमी पार्टी में कोई भी नहीं गया है। यह लोकतंत्र है और लोकतंत्र में कोई भी किसी भी पार्टी में जा सकता है, कोई भी किसी को भी वोट डाल सकता है, उस पर किसी का कोई भी दबाव नहीं होता है।
सवाल : इंदौरा में विकास की बड़ी-बड़ी बातें निकल कर आती है, सोशल मीडिया पर भी इसकी काफी चर्चा रहती है। कहा जाता है कि इंदौरा में अथाह विकास हुआ है। क्या विकास हुआ है?
जवाब : जब 2017 में भाजपा की सरकार प्रदेश में बनी थी तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर यहां पर आए थे और इंद्रपुर में उन्होंने एक बड़ी रैली की थी। इसमें उनके द्वारा यह घोषणा की गई थी कि यहां पर एक मिनी सचिवालय बनाया जाएगा। इस सरकार का कार्यकाल समाप्त होने वाला है, लेकिन अभी तक मिनी सचिवालय का यहाँ पर कोई नामोनिशान तक नहीं है। यह बिल्कुल झूठ बोलने वाली सरकार है, जुमलों की सरकार है। सबसे पहले तो यहाँ मिनी सचिवालय बनना चाहिए ताकि सारे दफ्तर एक ही ईमारत के अंदर हो और लोगों को इसकी सुविधा मिले। जितने भी कार्य हुए है वह सब गुणवत्ता के आधार पर बिल्कुल शून्य है। मैंने पहले भी कहा था और अब भी कहता हूँ कि जितने भी कार्य हो रहे हैं वह बिल्कुल सबस्टैंडर्ड है। हाल ही में बडूखर में एक पुली टूट गयी थी जिसे बने हुए 6 महीने भी नहीं हुए थे। इस पुली पर लगभग 2 से 3 लाख का खर्चा हुआ था। इसके साथ ही कुछ दिनों पहले मंड क्षेत्र में भी एक पुली टूटी गयी थी। जितने भी कार्य हो रहे हैं वह बिल्कुल सब स्टैंडर्ड कार्य है, उसमे बिल्कुल भी गुणवत्ता नहीं है। ऐसे कार्यों से लोग परेशान है और निराश है।
सवाल : इंदौरा विधानसभा क्षेत्र अवैध खैर कटान और अवैध माइनिंग होने कि भी आशंका जताई जाती है, इसे लेकर क्या कहेंगे?
जवाब : खैर कटान की जहां तक बात की जाए तो वह सभी सरकार के ठेकेदार है और सरकार के लोग है जो यह कटान कर रहे है। यदि कोई स्थानीय व्यक्ति उन पर एफआईआर करवा दें तो उस पर कोई भी सुनवाई नहीं होती है। यह सब कार्य सरकार के ही आदमी करवाते हैं। आज तक जितनी भी सरकारें आई है उन में से यह पहली सरकार है जिसमें सबसे ज्यादा जंगल काटे गए हैं। जहां तक अवैध खनन का प्रश्न है तो यहां पर क्रेशर इंडस्ट्रीज काफी है। बहुत से ऐसे क्रेशर मालिक है जो बिल्कुल ठीक ढंग से कार्य कर रहे है। वह लोग अपनी ही जमीन से माइनिंग करते हैं और अच्छे तरीके से कार्य करते है, लेकिन कुछ ऐसी फर्में भी है जो भाजपा के लोगों की है, उनके लोग खनन करते हैं और यह उनके ही क्रेशर है।
