कांगड़ा फिर उम्मीद से है...देखते है क्या होता है ?

भाजपा अध्यक्ष पद की दौड़ में कांगड़ा के कई नेता
अगर जयराम बने अध्यक्ष तो नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी आ सकती है हिस्से
साल था 1986, जब कांगड़ा से कोई नेता आखिरी बार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बना। वो नेता थे शांता कुमार जो 1990 तक इस पद पर रहे। इसके बाद 1990 में कांगड़ा से आखिरी मर्तबा मुख्यमंत्री भी शांता कुमार ही बने। अर्सा बीत गया लेकिन उसके बाद से कांगड़ा के किसी नेता पर भाजपा आलाकमान मेहरबान नहीं हुआ। जो कांगड़ा सत्ता के लिए जरूरी है, जो सियासी तौर पर सबसे वजनदार जिला है, उसी जिला पर भाजपा आलाकमान की इनायत नहीं हुई। अब फिर भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलना है और चर्चा है कि क्या 35 साल बाद अब संगठन की कमान कांगड़ा के किसी नेता को मिलेगी ? सुर्ख़ियों में कई नाम भी बने हुए है, मसलन सांसद राजीव भारद्वाज, विपिन सिंह परमार, बिक्रम ठाकुर और राज्यसभा सांसद इंदु गोस्वामी।
इस बीच एक नया फार्मूला भी सामने आया है। दरअसल अटकलें ये भी है कि जयराम ठाकुर का अगला प्रदेश अध्यक्ष बनना तय है और कांगड़ा के हिस्से आ सकती है नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी। ऐसा होता है तो विपिन सिंह परमार या बिक्रम ठाकुर में से किसी एक नेता को नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है।
बहरहाल फिलहाल सब अटकलें है। वैसे भी आज के दौर की भाजपा में अक्सर आलाकमान की मंशा का इल्म किसी को नहीं होता। पर फिलवक्त कांगड़ा फिर उम्मीद से है। अब हिस्से में कुछ आता है या फिर कांगड़ा के हाथ खाली रहते है, इस पर निगाह रहने वाली है।