अगर कुमारी शीला जीती तो मजबूत होगा 2022 के लिए दावा...
- दोहरी चुनौती: एक तो बलदेव मजबूत प्रत्याशी, दूसरा भाजपा में अंतर्कलह हावी
जिला परिषद् सोलन के वार्ड 6 का मुकाबला सोलन भाजपा के राजनैतिक भविष्य की चाल निर्धारित कर सकता है। इस वार्ड से कुमारी शीला भाजपा समर्थित उम्मीदवार है जो यूँ तो बेहद मजबूत प्रत्याशी है पर इस मर्तबा कांग्रेस ने एक सशक्त उम्मीदवार देकर उनकी डगर कठिन कर दी है। दरअसल कांग्रेस ने बलदेव सिंह ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है जिनकी ग्राम पंचायत नौणी अन्य पंचायतों के लिए एक रोल मॉडल है। मुकाबला बराबरी का है और बेहद रोचक होने की उम्मीद है।
इस चुनाव से न सिर्फ कुमारी शीला का राजनैतिक भविष्य तय होगा बल्कि सोलन भाजपा के एक गुट विशेष के लिए भी शीला की जीत बेहद मायने रखती है। विदित रहे की शीला 2012 में सोलन निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रही है। 2017 में उनका टिकट काट कर डॉ राजेश कश्यप को टिकट दिया गया था जिसके बाद से ही सोलन भाजपा में घमासान आम है। अब यदि शीला ये चुनाव हार जाती है तो जाहिर है 2022 के लिए उनका दावा भी कमजोर पड़ जाएगा। साथ ही उनका समर्थन करने वाले गुट विशेष की उम्मीदों के लिए भी ये बड़ा झटका साबित हो सकता है। भाजपा के उक्त गुट पर ये आरोप लगते रहे है की उन्होंने 2017 में डॉ राजेश कश्यप के लिए पूरी क्षमता से काम नहीं किया अन्यथा नतीजा कुछ और होता। ऐसे में इस सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि भाजपा का अंतर्कलह कांग्रेस के लिए संजीवनी सिद्ध हो सकती है।