पालमपुर : सीएसआईआर-आईएचबीटी द्वारा हिमाचल में केसर की खेती को प्रोत्साहन

प्रतिमा राणा । पालमपुर
वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएसआईआर-आईएचबीटी) पालमपुर ने 28 सितंबर, 2022 को ग्राम पंचायत बड़ाग्रां, तहसील मुलथान, जिला कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश में 'केसर उत्पादन की उन्नत कृषि प्रौद्योगिकी' पर एक दिवसीय प्रशिक्षण-सह जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर विधानसभा सदस्य मुल्ख राज प्रेमी, बैजनाथ विधानसभा क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, बतौर मुख्यातिथि उपसतिथ थे। मुल्ख राज प्रेमी ने अपने संबोधन में हिमाचल प्रदेश में केसर की खेती और किसानों को समर्थन देने के लिए सीएसआईआर-आईएचबीटी द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने केसर की फसल के महत्व पर जाेर दिया और किसानों से इसकी खेती के लिए आगे आने को कहा। इस अवसर पर उन्होंने क्षेत्र के कई किसानों में केसर के घनकंदाें का वितरण भी किया। इस प्रशिक्षण में बेरोजगार युवाओं, पंचायत अधिकारियों और कृषि अधिकारियों सहित कई गांवों के किसानों (बारागरान, नलहोटा, कोठीकोहड़, राजगुंधा, शासक, कुकडगुंधा) ने भाग लिया।
इसके अलावा भीखम कपूर, भाजपा मंडल अध्यक्ष एवं रमिता देवी व बैजनाथ की महिला मंडल अध्यक्ष भी इस कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहे। डॉ. संजय कुमार, निदेशक, सीएसआईआर-आईएचबीटी ने भी किसानों के साथ अपने विचार साझा किए और उन्हें बताया कि ये संस्थान क्षेत्र में प्रायोगिक स्तर पर केसर की खेती के लिए राज्य के कृषि विभाग के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है। संस्थान, अक्सर कृषि अधिकारियों के कौशल को उन्नत करने और उच्च मूल्य वाली फसलों के उत्पादन में किसानों को सशक्त बनाने के लिए ऐसे प्रशिक्षण शिविर आयोजित करता है, जिससे भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग किया जा सके। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ. राकेश कुमार, सीएसआईआर-आईएचबीटी के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक और डॉ. रेणु शर्मा, राज्य कृषि विभाग मुल्तान की विषय विशेषज्ञ ने बुवाई, साइट चयन, गुणवत्ता विश्लेषण, पोषक तत्व प्रबंधन, खरपतवार प्रबंधन सहित कृषि तकनीकों का प्रदर्शन, कीट प्रबंधन, फसलोपरांत पद्धति और केसर का भंडारण का प्रशिक्षण दिया।