बाबा अमरेश्वर मंदिर में हुआ महा शिव पुराण कथा का शुभारम्भ
रविवार को महा शिव पुराण कथा का शुभारम्भ हो गया। इस अवसर पर पावन महाशिव पुराण कथा ग्रंथ और कथा वाचक पंडित सुरेश भारद्वाज के साथ उनकी टीम को गाजे बाजे के साथ आयोजन स्थल तक लाया गया। इस दौरान महिलाओं ने भव्य कलश यात्रा भी निकाली। ब्रहमलीन बाबा हंसा गिरी जी महाराज द्वारा शुरू की गई इस परंपरा को अब बाबा भोला गिरी आगे बढ़ा रहे हैं। विधिवत रूप से मंत्रोच्चारण के साथ कथा कार्यक्रम को शुरू किया गया। प्रथम दिन कथा का शुभारंभ करते हुए पंडित सुरेश भारद्वाज ने कहा कि त्रिलोकी के स्वामी भगवान शंकर के लिए भी गणपति महाराज प्रथम पूज्यनीय थे। उन्होंने सर्वप्रथम भगवान शिव ने ही गणेश पूजन किया था। इस मौके पर पंडित सुरेश भारद्वाज ने एक रोचक प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि जब भगवान शिव द्वारा गणेश जी का शीश काटा गया तो काफी बवाल मचने के बाद माता पार्वती को शंकर ने वचन दिया कि सबसे पहले हमारे पुत्र गणपति की पूजा होगी तभी इसका लाभ सर्व जन को मिलेगा। उन्होंने बताया कि भगवान शंकर जब त्रिपुरासुर नामक राक्षस के साथ जब युद्ध करने के लिए गए तो उन्हें रणभूमि में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कैलाश पति जी के रथ का पहिया टूट गया और वे घायल हो गए। वापस कैलाश पर आकर माता पार्वती ने शंकर से कहा कि आप बिना गणपति पूजन के गए थे इसलिए आपको विपत्ति का सामना करना पड़ा है। इसलिए अपने वचन का पालन करें। भगवान शिव ने कैलाश पर्वत पर बड़ी धूम-धाम से गणपति पूजन का उत्सव किया और त्रिपुरासुर राक्षस पर विजय प्राप्त की। भगवान शिव ने कहा कि जो भी किसी कार्य करने से पूर्व गणपति महाराज का पूजन करेगा उसे यश, वैभव, धन-धान्य की कमी नहीं रहेगी। कथा के अंत में बम भोले के सुंदर भजन भी गाए गए।