महारानी का विकल्प महारानी !

क्या बीजेपी राजस्थान में अब वसुंधरा के विकल्प के तौर पर दिया कुमारी को आगे करने जा रही है ?
क्या महारानी अब भाजपा की स्कीम में फिट नहीं है ?
क्या वसुंधरा के बगैर भी भाजपा सत्ता वापसी कर सकती है ?
ये वो सवाल है जिनका जवाब आने वाले दिनों में मिलेगा, पर तब तक अटकलें लग रही है और लगती रहेगी। राजस्थान में भाजपा ने पहली सूचि जारी कर दी है जिसमे 41 टिकट दिए गए है। इन 41 में सात सांसद है। राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा, बीजेपी सांसद भगीरथ चौधरी, बीजेपी सांसद बालकनाथ, बीजेपी सांसद नरेंद्र कुमार, बीजेपी सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर और बीजेपी सांसद देव जी पटेल की टिकट दिया गया है। और इसी सूचि में सांतवा नाम है महारानी दिया कुमारी का। सांसद दिया कुमारी को पहली सूची में टिकट दिया गया है। विद्याधर नगर (जयपुर) से विधायक नरपत सिंह राजवी की जगह सांसद दीया कुमारी को टिकट दिया गया है। दिलचस्प बात ये है कि राजवी को वसुंधरा का करीबी माना जाता है। वे पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के दामाद भी है।
इसी तरह वसुंधरा के एक और समर्थक और पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत का टिकट भी झोटवाड़ा से काटा गया है। वसुंधरा के कई समर्थकों के टिकट काटे गए है। वहीँ भरतपुर से वसुंधरा कैंप की अनीता सिंह गुजर का टिकट काटा गया है और उन्होंने बगावत का एलान भी कर दिया है। ऐसे में भाजपा की राह मुश्किल हो सकती है।
बता दें राजस्थान में करीब 14 फीसदी राजपूत वोट है और उनका 60 सीटों पर सीधा असर है। जयपुर, जालोर, जैसलमेर, बाड़मेर, कोटा, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, अजमेर, नागौर, जोधपुर, राजसमंद, पाली ,बीकानेर और भीलवाड़ा जिलों में राजपूत वोटों की नाराजगी किसी भी पार्टी के लिए भारी पड़ सकती है। वसुंधरा बड़ा राजपूत चेहरा है और इसीलिए माहिर मान रहे है की भाजपा दिया कुमारी में उनकी काट तलाश रही है।
सांसद दीया कुमारी के पास महारानी गायित्रि देवी की विरासत है। बीजेपी उन्हें मैदान में आगे रख राजपूतों को संदेश देने का प्रयास कर रही है। हालांकि वसुंधरा राजे का अपना कद है और निसंदेह राजस्थान में भाजपा के पास कोई ऐसा नेता नहीं दिखता जिसकी जमीनी पकड़ वसुंधरा जैसी हो। बहरहाल भाजपा बगैर चेहरा घोषित करे राजस्थान चुनाव में आगे बढ़ रही है। हालांकि माहिर मानते है कि अगर रुझान विपरीत लगे तो पार्टी प्रचार के अंतिम समय में भी वसुंधरा को चेहरा घोषित कर सकती है।