दाड़लाघाट पहुंची राजीव गांधी पंचायती राज संगठन की पदयात्रा
किसान आंदोलन के समर्थन में और पंचायतों को सशक्त बनाने को लेकर प्रदेश कांग्रेस राजीव गांधी पंचायती राज संगठन की 12 दिन तक चलने वाली पदयात्रा शिमला से धर्मशाला को जाते वक्त दाड़लाघाट में रुकी। इस दौरान राजीव गांधी पंचायतीराज संगठन के प्रदेशाध्यक्ष दीपक राठौर ने कहा कि शिमला से 28 दिसंबर को पदयात्रा शुरू हुई है। इस यात्रा का आखिरी पड़ाव धर्मशाला में इस होगा।
उन्होंने कहा कि इस पद यात्रा के दौरान पंचायती राज संगठन के पदाधिकारी लोगों को केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों से होने वाले नुक्सान को लेकर जहां अवगत करवा रहे है। वहीं पंचायतों को किस तरह से सुदृढ़ किया जाए इसको लेकर भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 28 दिसंबर को शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान से यह पदयात्रा शुरू हुई है। राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक राठौर ने कहा कि किसान कृषि बिल के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर पिछले कई दिनों से आंदोलनरत है लेकिन केंद्र की मोदी सरकार किसानों की मांगों को नहीं मान रही है। केंद्र सरकार ने कुछ पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए तीन कानून लाए हैं जिसके खिलाफ देश भर में किसान विरोध कर रहे हैं। किसानों के समर्थन और पंचायती राज को सुदृढ़ करने के लिए संगठन द्वारा पदयात्रा शुरू की जा रही है।
संगठन के संयोजक दीपक राठौर ने कहा कि 12 दिन तक चलने वाली इस पदयात्रा के दौरान नुक्कड़ सभाएं तथा पत्रक बांटकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यात्रा का मुख्य उद्देश्य पंचायतों को मजबूत करना तथा किसानों व बागबानों के आंदोलन को समर्थन करना है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जो तीन बिल लाए गए है व किसान विरोधी है। संगठन इनका विरोध करता है।
इस मौके पर राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक राठौर, अध्यक्ष शिमला शहरी मनोज चौहान, महासचिव भगतराम, संगठन महासचिव कपिल शर्मा, उपाध्यक्ष जिला शिमला ग्रामीण राजीव चौहान, जिला उपाध्यक्ष सोलन कांग्रेस अनिल गुप्ता, प्रदेश संगठन मंत्री सुरेन्द्र वर्मा, यूथ कांग्रेस अर्की के उपाध्यक्ष हेमन्त वर्मा, प्रेम केशव, प्यारे लाल ठाकुर, पवन शर्मा, कमल कौंडल, धर्मपाल ठाकुर, अमर ठाकुर, हसंराज राजपूत, लाल चंद, रोशन ठाकुर, राजकुमार गुलाटी, सतपाल शर्मा, पवन ठाकुर, दीपक गजपति, नरेश ठाकुर सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।