संस्कृत भारती का ऑनलाइन शास्त्र परिचय वर्ग संपन्न
अर्की। संस्कृत भारती हिमाचल प्रदेश द्वारा गत 25 सितंबर से 26 अक्टूबर तक एक माह का शास्त्र परिचय वर्ग का आयोजन किया गया। इसके समापन समारोह में संस्कृत भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष एवं गुजरात के सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गोपबंधु मिश्र ने शिरकत की। अपने भाषण में उन्होंने हिमाचल के समस्त युवाओं का शाखा अध्ययन के लिए आह्वान करते हुए कहा की निरंतर संस्कृत ग्रंथों का अध्ययन करने से न केवल हमारे अंदर नई चेतना का संचार होता है, अपितु शास्त्रों में निहित ज्ञान को आत्मसात करने का मार्ग भी मिल जाता है।
इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में संस्कृत भारती के क्षेत्र संगठन मंत्री जयप्रकाश गौतम तथा अध्यक्ष के रूप में संस्कृत भारती के प्रांताध्यक्ष एवं वेदव्यास परिसर के प्राचार्य प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में संस्कृत भारती के प्रांत उपाध्यक्ष डॉक्टर राजेश शर्मा ,डॉ चांद किशोर गौत्तम, प्रांतमन्त्री संजीव पाठक, प्रान्त सहमंत्री डॉ. ज्ञानेश्वर शर्मा तथा प्रांत संगठन मंत्री नरेंद्र कुमार सहित प्रांत प्रशिक्षण प्रमुख डॉ. मुकेश कुमार भी उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि संस्कृत भारती हिमाचल प्रदेश द्वारा संस्कृत भाषा के प्रचार एवं संस्कृत में लिखित शास्त्रों के संरक्षण के लिये प्रदेश में निरंतर कार्य किये जा रहे है। इसी कड़ी में आयोजित इस शास्त्र परिचय वर्ग में ऑनलाइन माध्यम से पूरे प्रांत के 175 संस्कृत प्रेमियों एवं अध्येताओं ने पूरे एक माह तक वेद-ज्योतिष-व्याकरण-दर्शन सहित्यादी विषयों का परिचयात्मक ज्ञान प्राप्त किया। इस वर्ग में हिमाचल के संस्कृत महाविद्यालयों एवं उपाधि महाविद्यालय में कार्यरत संस्कृताचार्यों ने संस्कृत भारती के तत्वावधान अध्यापन किया। इस वर्ग का संयोजन डॉ. कृष्ण मोहन पाण्डेय तथा डॉ. अरुण शर्मा ने किया। इसमे शिक्षण कार्य डॉ भानु शर्मा, नरेंद्र कौशल डॉ दिनेश भारद्वाज, डॉ रोशनलाल जोशी, डॉ अनुराधा तथा नीरज कुमार ने संपादित किया।