कांगड़ा : दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से मटौर में हुआ सत्संग कार्यक्रम

तिलक राज। कांगड़ा
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से मटौर में वीपी शर्मा के घर में सत्संग कार्यक्रम किया गया। जिसमें प्रवचन करते हुए गुरुदेव आशुतोष महाराज के शिष्य स्वामी मनप्रीत ने कहा भक्त हनुमंत जी का जीवन चरित्र हमें प्रत्येक स्थिति में चलने की प्रेरणा देता है। हनुमान के प्रेम और सेवा का वर्णन स्वयं राघवेंद्र अपने मुख से बार-बार करते हैं। हनुमंतजी श्रीराम के अमोघ बाण बन गए थे, हनुमानजी जब मां सीता की खोज में निकले तो मार्ग में अनेकों बाधाएं आईं, लेकिन वह बाधाएं उनका मार्ग नहीं रोक पाई। क्योंकि हनुमानजी के अंदर आगे बढ़ने का जुनून था कि मुझे जो मेरे राम ने कार्य सौंपा है, वह मुझे पूर्ण करना ही है, चाहे कुछ भी हो जाए।
वायु और रक्त हमेशा चलाएमान होते हैं, बहती नदी के जल से आचमन भी होता है और अभिषेक भी, भारत भूमि का अनुपम सौभाग्य रहा है। इस भूमि पर अनंत काल से ऋषि मुनि संत और भक्त ज्ञान व भक्ति की गंगा बहाते आ रहे हैं। ऐसे ही महान विभूतियों के जीवन में लक्ष्य को पाने का उत्साह उमंग जोश होता है, जो इंसान सभी बाधाओं को चीरते हुए आगे निकल जाता है। आशुतोष जी महाराज अकसर अपने भक्तों को समझाते हुए कहते हैं कि बाधाएं कब बांध सकी हैं, आगे बढ़ने वालों को। जब मन में लक्ष्य को पाने के लिए इंसान चलता है, तो अवश्य मंजिल प्राप्त कर लेता है। क्योंकि बैठा व्यक्ति पीछे रह जाता है, चलने वाला व्यक्ति मंजिल को प्राप्त कर लेता है।