एक-दूसरे पर राजनितिक ब्यानबाज़ी बंद करे सभी दल, आलोचना का नहीं यह सहयोग का समय है: शांता कुमार

वैश्विक महामारी कोरोना ने पुरे विश्व में हाहाकार मचाया हुआ है। दो साल से विश्व में इस महामारी का संकट छाया हुआ है। इसी के चलते हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार ने इस महामरी को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इतिहास की किसी भी बड़ी से बड़ी विपत्ति के मुकाबले में आज का कोरोना सबसे बड़ा संकट है जिसने पूरे विश्व में हाहाकार मचा रखी है। टी.वी. देखना और अख्बार पढ़ना कठिन हो गया है। उन्होंने कहा इस प्रकार की भयंकर परिस्थिति में राजनितिक नेताओं की एक-दूसरे पर तीखी कड़वी अलोचना उन्हें कोरोना से भी अधिक दुखी करती है। यह आलोचना का समय नहीं, सहयोग का समय है। गलतियां सबसे होती है परन्तु उन पर कड़वी आलोचना करना बहुत बड़ा पाप है। इससे जनता का मनोबल टूटता है। आज की स्थिति में मनोबल सबसे अधिक आवश्यक है।
शान्ता कुमार ने सभी दलों के नेताओं से आग्रहपूर्वक निवेदन किया है कि परस्पर आलोचना बिलकुल बन्द कर दीजिए। यदि सरकार में कोई कमी है तो उसे एक सुझाव के रूप में सरकार को बताएं। उन्होंने कहा कि राजनीति में उनके आदर्श अटल बिहारी वाजपेयी रहे है। वे बार-बार कहते थे कि दलों की दीवारें बहुत छोटी होती है परन्तु राष्ट्र का मन्दिर बहुत ऊँचा होता हैं। बांग्लादेश के युद्ध में भाजपा ने खुल कर सरकार की मदद की। यहां तक कि अटल बिहारी वाजपेयी ने इन्दिरा गांधी को दुर्गा तक कह दिया। बाद में पार्टी के भीतर इस पर आलोचना भी हुई थी। शान्ता कुमार ने सभी से आग्रहपूर्वक निवदेन किया है कि कोई किसी की आलोचना न करे तथा सहयोग दें। कोई ऐसा काम न करे कि विपक्ष को आलोचना का मौका मिले। सरकार को गरीब दुखियों की सहायता करनी है। सरकार कर रही है। जयराम ठाकुर बहुत अच्छे तरीके से सरकार का संचालन कर रहे है। सरकार को साधन चाहिए। साथ ही कहा कि, उन्हें विश्वास है प्रदेश के सभी कर्मचारियों ने कटौती पर बिलकुल बुरा नहीं मना होगा।