शिमला : डाउनडेल इलाके की घटनाक्रम के खिलाफ अतिरिक्त आयुक्त को सौंपा ज्ञापन
शिमला नागरिक सभा के नेतृत्व में शिमला के डाउनडेल इलाके से तेंदुए द्वारा पांच वर्षीय बच्चे की जान लेने के घटनाक्रम के खिलाफ नगर निगम शिमला के अतिरिक्त आयुक्त अजीत भारद्वाज से मुलाकात की व उन्हें ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में विवेक कश्यप, बालक राम, किशोरी ढटवालिया, रंजीव कुठियाला, सन्नी कुमार, राजू , मीना कुमारी, मोहम्मद सलीम आदि मौजूद रहे। नागरिक सभा ने मांग की है कि आदमखोर तेंदुए के आतंक पर तुरन्त रोक लगाई जाए। शहर के जंगल से सटे इलाकों में फेंसिंग, कैमरों व स्ट्रीट लाइटों की उचित व्यवस्था की जाए। डाउनडेल व कनलोग हादसों के पीड़ित परिवारों को कम से कम दस-दस लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाए। इसके साथ ही शिमला नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व सचिव कपिल शर्मा ने नगर निगम शिमला के अतिरिक्त आयुक्त से इस इलाके की झाड़ियों को काटने व रास्तों को ठीक करने की मांग की है। उन्होंने डाउनडेल इलाके में पानी की उचित व्यवस्था तथा इस इलाके के ढारों को नियमित करने व हर ढारे में उचित बिजली पानी के कनेक्शन लगाने की मांग की है। क्योंकि यहां पर रहने वाले भूमिहीन हैं व बेहद गरीब हैं। उन्होंने शिमला शहर के बीचों-बीच आदमखोर तेंदुए के जानलेवा हमलों के लिए प्रदेश सरकार, नगर निगम शिमला व वन विभाग की नाकामी करार दिया है। उन्होंने कहा कि डाउनडेल शहर के बीचों-बीच है। जब इस तरह की घटना यहां पर हो सकती है तो फिर शिमला शहर के इर्दगिर्द के इलाकों में नागरिकों की जानमाल की सुरक्षा की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इस से साफ है कि शिमला नगर निगम व इसके इर्द-गिर्द के इलाके में कोई भी नागरिक सुरक्षित नहीं है। नगर निगम शिमला शहर के नागरिकों की सुरक्षा के प्रति ज़रा भी गम्भीर नहीं है। शहर के रिहायशी इलाकों में या तो स्ट्रीट लाइटें कई महीनों से खराब हैं, टूटी पड़ी हैं या फिर हैं ही नहीं। इन दोनों की लापरवाही का खामियाजा निर्दोष जनता को भुगतना पड़ रहा है।