शिमला : हिमाचल प्रदेश राज्य तकनीकी कर्मचारी संघ ने विद्युत भवन शिमला में किया धरना प्रदर्शन
हिमाचल प्रदेश राज्य तकनीकी कर्मचारी संघ का धरना प्रदेश अध्यक्ष दूनी चंद ठाकुर की अध्यक्षता में विद्युत भवन शिमला में 19 जुलाई को हुआ। जिसमें प्रदेश के सभी इकाइयों से तकनीकी कर्मचारी निर्धारित संख्या मैं उपस्थित हुए। सभी इकाइयों के प्रधान व सचिवों ने विद्युत बोर्ड प्रबंधन के तकनीकी कर्मचारियों की मांगों को न मानने पर कड़ा विरोध जताया व प्रदेश नेतृत्व को आश्वाशन दिया कि अगर प्रबंधन तकनीकी कर्मचरियों की मांगों को नहीं मानता है तो प्रदेश के सभी तकनीकी कर्मचारी फिर से बिजली बोर्ड प्रबंधन के खिलाफ धरना करेंगे व तब तक मुख्यालय को नहीं छोड़ेंगे जब तक उनकी मांगों का निराकरण न हो। प्रदेश अध्यक्ष ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि बोर्ड प्रबंधन से चार बार सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई व प्रबंधन ने 31 मई तक सभी बिषयों पर निर्णय लेने का आश्वाशन दिया। तकनीकी कर्मचारी संघ ने कोरोना की परिस्थितियों को मध्य नजर रखते हुए बोर्ड को जून माह में औऱ समय दिया उसके बाद 8 जुलाई को प्रबंधन के साथ पुनः संवाद स्थापित किया मगर बोर्ड के प्रबंध निदेशक का रवैया तकनीकी कर्मचारियों की समस्यायों के प्रति सकारात्मक नहीं था जिस को देखते हुए बोर्ड को 10 दिन का एक समयबद्ध नोटिस दिया गया जिसके लिए प्रबंध निदेशक की हठधर्मिता जिम्मेवार है।दूनी चंद ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया कि वर्तमान प्रबंधक वर्ग सर्विस कमेटी की बैठक नहीं करवा पाया है जो उनकी नाकामी को दर्शाता है व कर्मचारियों के प्रति उनकी मानसिकता को भी दर्शाता है। ठाकुर ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि तकनीकी कर्मचारी रात दिन लाखों उपभोक्ताओं को सुचारू बिजली उपलब्ध करवा रहा है उसके विपरीत मौजूदा प्रबंधन उनकी जायज मांगों को नहीं मान रहा जिसके परिणामस्वरूप कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है तकनीकी कर्मचारी संघ तकनिकी कर्मचरियों की मांगों को मनवाने के लिये किसी भी हद तक जा सकता है प्रदेश अध्यक्ष ने बोर्ड प्रबंधन को चेताया कि वह तकनिकी कर्मचारियों का इम्तहान न लें व उनकी मांगों को तुरंत मानकर उनके आदेश जारी करें नहीं तो आने वाले समय में तकनिकी कर्मचारी संघ प्रदेश में एक बहुत बड़ा आंदोलन करेगा जिसकी रणनीति आगामी पदाधिकारी बैठक में तय की जायेगी जो कि शिमला में 27 जुलाई को रखी गई है। दूनी चंद ठाकुर ने प्रदेश सरकार से यह भी मांग की है कि बोर्ड में सेवा विस्तार की प्रथा को बंद किया जाये। इसके साथ ही तकनिकी कर्मचारी संघ बोर्ड के निजीकरण का भी विरोध करता है अगर केंद्र सरकार बोर्डो का निजीकरण करती है तो तकनीकी कर्मचारी संघ पूरे प्रदेश भर में आंदोलन शुरू करेगी ।