शूलिनी मेला और सियासत... बरसाती मेंढक की तरह होर्डिंग्स में अवतरित हुए नेता
शूलिनी मेला और सियासत... बरसाती मेंढक की तरह होर्डिंग्स में अवतरित हुए नेता
-मुख्यमंत्री के न आने से समर्थक भी उठा रहे सवाल
-विधायक की अनदेखी से कांग्रेस लाल
तीन दिवसीय शूलिनी माता मेले के दौरान श्रद्धा और भक्ति के बीच सियासत भी गरमाई हुई है। स्थानीय विधायक को प्रशासन ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों में न अतिथि बनाया न निवेदक के तौर पर उनका नाम लिखा, तो कांग्रेसी लाल हो गए। आम लोग भी इस बात की निन्दा कर रहे है।
उधर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मेले के दौरान नही आ रहे है, इसे लेकर न सिर्फ विपक्ष बल्कि भाजपा के लोग भी सवाल उठा रहे है। फेसबुक पर लिखा जा रहा है कि सोलन में भाजपा के त्रिदेव तो मना लिए लेकिन बेहतर होता सीएम माता को मनाने भी आते। दरअसल सोलन में कई बड़ी योजनाओं का काम पूरा नहीं हुआ है। कोठो का इंडोर स्टेडियम हो या शामती बायपास, इनका काम काफी समय से अंतिम चरण में ही है। सरकार के वर्तमान कार्यकाल का अंतिम चरण आ गया लेकिन इन योजनाओं के निर्माण का अंतिम चरण पूरा नही हुआ। अप्रैल 2021 में जब जयराम ठाकुर सोलन मैदान में जनसभा करने आए थे तब ऐलान किया था कि शूलिनी मेले के दौरान शामती बायपास जनता को समर्पित करेंगे। अगला मेला आ गया लेकिन लचर कार्यशेली के चलते मुख्यमंत्री को अब तक इसका मौका नहीं मिला। ऐसे में यदि सीएम आते तो सोलन को क्या देकर जाते। जाहिर इसी के चलते सीएम को अब शूलिनी मेले के बाद सोलन बुलाया जाएगा ताकि लंबे समय से लंबित योजनाओं का उद्घाटन भी हो सके। बाकी चुनावी वर्ष में करोड़ों के शिलान्यास होना तो तय है ही।
मेले के दौरान कई विधायक बनने के इच्छुक नेताओं के होर्डिंग भी शहर में लगे है। इनमे से एकाध नेता तो बरसती मेंढक की तरह चुनावी मौसम में एक्टिव हो गए है। ये नेता 2017 तक एक्टिव थे लेकिन टिकट नहीं मिला तो ये भी गायब हो गए। अब चुनावी मौसम में फिर लौट आए है।