मिशन 2024 का आगाज !
लोकसभा चुनाव की तैयारियों का आगाज़ हो चूका है। अब दिग्गजों के दौरे, उनकी जनसभाएं और महा रैलियों की गूंज उठने लगी है। तीन राज्यों में जीत का परचम लहराने के बाद भाजपा मिशन 2024 के लिए एक्टिव मोड में नज़र आ रही है। भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा हिमाचल के दौरे पर है। नड्डा ने हिमाचल में लोकसभा चुनाव जीतने के लिए हुंकार भर दी है और प्रदेश की चारों लोकसभा सीट पर जीत का दावा किया है। अब ये दावा कितना सच साबित होता है ये तो समय ही तय करेगा। बहरहाल नड्डा के आगमन से हिमाचल भाजपा में भी जोश भर गया है।
जेपी नड्डा के हिमाचल दौरे से सियासी हलचल तेज़ होना तो लाज़मी था। नड्डा ने बिलासपुर से लोकसभा चुनाव का शंखनाद किया और सुंदरनगर में रोड शो कर ये भी जता दिया की भाजपा मिशन 2024 का आगाज़ कर चुकी है। तीन राज्यों में भाजपा भले ही जीत दर्ज करने में कामयाब रही हो, लेकिन अपने गृह राज्य में पार्टी की हार का मलाल तो नड्डा को आज भी होगा। अब ये गलती फिर न दोहराई जाए इसके लिए नड्डा खुद मोर्चा संभालते नज़र आ रहे है। नड्डा ने लोकसभा चुनाव कि चारों सीटों पर भगवां लहराने का दावा किया है। वहीँ इस बार नड्डा के खुद चुनाव लड़ने की अटकले भी लगाई जा रही है। ऐसा होगा या नहीं ये वक्त ही बताएगा और ऐसा हुआ तो सीट कौन सी होगी ये भी वक्त ही तय करेगा। वैसे भी जिस तरह भाजपा ने इस बार तीन राज्यों में चेहरों और परिणामो को लेकर चौंकाया है, उससे ये तो स्पष्ट है कि पार्टी विद डिफ़्फेरन्स में कभी भी कुछ भी होना सम्भव है।
नड्डा के दौरे से पार्टी के कार्यकताओं में नई ऊर्जा भरी है। नड्डा ने अपने बिलासपुर दौरे के दौरान कांग्रेस को तो गहरा ही साथ ही राजनीति कि नई परिभाषा का भी पाठ पढ़ाया। नड्डा ने तंज कस्ते हुए कहा कि अब राजनीति की संस्कृति बदल गई है। झूठ बोलकर वोट नहीं मिलता काम करके वोट मिलता है। आज की राजनीति रिपोर्ट कार्ड की राजनीति है, जो रिपोर्ट कार्ड रखेगा वह जीत हासिल करेगा। नड्डा कांग्रेस की गारंटियों पर भी जमकर बरसे और नड्डा ने कहा कि कांग्रेस की एक ही गारंटी है, गारंटी नहीं होने की गारंटी। हिमाचल में जनता 68 इंग्लिश मीडियम स्कूल ढूंढ रहे है, महिलाओं को 1500 रु नही मिले, मोबाइल स्वास्थ्य वैन नहीं मिली, गोबर दूध नहीं खरीदी, युवाओं को 5 लाख नौकरियां नही मिली, 300 यूनिट बिजली नहीं मिली।
ये तो स्वाभाविक था कि नड्डा कांग्रेस को घेरने से पीछे नहीं हटेंग, लेकिन अपनी ही पार्टी के नेताओं को भी नड्डा ने आढ़े हाथो लिया। हिमाचल में भाजपा कि हार का कारण नड्डा ने कार्यकर्ताओं व नेताओं में आत्मविश्वास की कमी बताया। संदेश स्पष्ट था कि हिमाचल में पार्टी कि हार का कारण हिमाचल भाजपा ही रही है। जाहिर है अब लोकसभा चुनाव में पार्टी कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहेगी और नड्डा अपने गृह राज्य का रिपोर्ट कार्ड भी बेहतर ही चाहेंगे इसलिए भाजपा अब एक्शन में नज़र आ रही है।