सोलन : नौणी विश्वविद्यालय के छात्रों को मिली इंस्पायर फैलोशिप
डॉ वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के वानिकी महाविद्यालय के दो छात्रों को इनोवेशन इन साइंस परस्यूट फॉर इंस्पायर्ड रिसर्च (इंस्पायर) फैलोशिप के लिए चुना गया है। दोनों छात्र- नेहा मिश्रा और जतिन कुमार ने विश्वविद्यालय से एमएससी और बीएससी की डिग्री पूरी की है। वर्तमान में नेहा सांख्यिकी विषय जबकि जतिन विश्वविद्यालय से कृषि वानिकी में डॉक्टरेट कर रहा है। फैलोशिप के तहत दोनों छात्रों को उनकी डिग्री की पूरी अवधि के लिए 31,000 रुपये की मासिक छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त उन्हें पीएचडी की अवधि के लिए वार्षिक 20,000 रुपये का भत्ता भी दिया जाएगा। अपनी पीएचडी में जतिन हिमाचल के शुष्क समशीतोष्ण क्षेत्र में फलों के पेड़ आधारित कृषि वानिकी प्रणालियों के उत्पादन, आर्थिक व्यवहार्यता और उनके प्रभाव पर काम कर रहे हैं। नेहा का पीएचडी विषय हिमाचल प्रदेश में जलवायु परिवर्तन से सेब की उपज और फसल पर प्रभाव का आकलन करने के लिए स्थिर किस्मों और एक पूर्वानुमान मॉडल की पहचान करना है। साथ ही, सेब की फसल की जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशीलता का आकलन किया जाएगा।
इंस्पायर फैलोशिप, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विज्ञान के प्रति प्रतिभा के आकर्षण के लिए प्रायोजित और प्रबंधित एक कार्यक्रम है। इसका मूल उद्देश्य देश के युवाओं को विज्ञान की रचनात्मक खोज के उत्साह के बारे में बताना, प्रतिभा को विज्ञान के अध्ययन के लिए आकर्षित करना और विस्तार के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण मानव संसाधन का निर्माण करना है। कुलपति डॉ परविंदर कौशल, डीन वानिकी महाविद्यालय डॉ संजीव ठाकुर और पीएचडी गाइड सहित अन्य शिक्षकों और छात्रों ने नेहा और जतिन को बधाई दी और पीएचडी के लिए शुभकामनाएं दी। इसके अलावा, हाल ही में विश्वविद्यालय के दो अन्य डॉक्टरेट छात्रों ने भी हिम साइंस कांग्रेस एसोसिएशन द्वारा आयोजित 'महामारी के दौरान विज्ञान और प्रौद्योगिकी की प्रगति' विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ई-सम्मेलन में मौखिक प्रस्तुति में पुरस्कार प्राप्त किए। फ्रूट साइंस में डॉक्टरेट के छात्र सनी शर्मा ने ओरल प्रेजेंटेशन में दूसरा पुरस्कार हासिल किया, जबकि ट्री इम्प्रूवमेंट एंड जेनेटिक रिसोर्सेज के पीएचडी छात्र उमेश शर्मा ने तीसरा पुरस्कार हासिल किया।