धर्मशाला : सराह में मनाया स्पर्श लेप्रोसी जागरूकता अभियान

30 जनवरी से 14 फरवरी तक चलेगा अभियान
शिवांशु शुक्ला। धर्मशाला
राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत एंटीलेप्रसी डे (कुष्ठ रोग दिवस) / स्पर्श लेप्रोसी जागरूकता अभियान (30 जनवरी से 14 फरवरी तक) मुख्य चिकित्साअधिकारी कांगड़ा डॉ. गुप्ता की अध्यक्षता में सराह में मनाया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य उपस्थित जनसमूह को कुष्ठ रोग के बारे में जागरूक करना था। जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया ऐसे रोगी, जिनकी त्वचा पर हल्के रंग या तांबी रंग का दाग हो या चमड़ी के रंग में बदलाव हुआ हो या हाथ या पांव में सुनपन हो यह कुष्ठ रोग हो सकता है। अगर उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपनी जांच करवानी चाहिए। जांच में कुष्ठ रोग की पुष्टि अगर को तो इसका इलाज सरकार द्वारा मुफ्त किया जाता है। और व्यक्ति आगे किसी भी प्रकार की विकलांगता से बच सकता है।
इसका इलाज लंबा चलता है, लेकिन पूरा इलाज करने पर व्यक्ति बिल्कुल ठीक हो जाता है। आगे जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. तरुण सूद ने बताया कि इस साल की थीम 'लेट्स फाइट लेप्रोसी एंड मेक लेप्रोसी ए हिस्ट्री' पर प्रकाश डाला जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि कुष्ठ रोग माइकोबैक्टीरियम लेप्री के कारण होने वाला एक पुराना/क्रोनिक संक्रामक रोग है। इसे हैनसेन बीमारी के रूप में भी जाना जाता है, जो मुख्य रूप से हाथ पैरों की परिधीय नसों, त्वचा व नाक के म्यूकोसा और ऊपरी श्वसन पथ को प्रभावित करती है। कुष्ठ रोग स्थायी शारीरिक अक्षमता का कारण बन सकता है। यदि समय पर निदान और उपचार नहीं किया जाए।
जागरूकता और ज्ञान की कमी के कारण कुष्ठ रोग लोगों के बीच कलंक और भेदभाव को जन्म देता है, जो रोग संचरण और उपचार के बारे में गलत धारणाओं को बढ़ाता है। कुष्ठ रोग भी आम बीमारियों की तरह एक बीमारी है तथा इसका शत-प्रतिशत इलाज संभव है। अगर व्यक्ति अपनी दवाई समय से तथा बताए हुए समय तक खाता है, तो वह पूरी तरह स्वस्थ हो जाता है। कुष्ठ रोगी के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न करें। कार्यक्रम में स्वास्थ्य शिक्षिका अंजलि, अर्चना, सीएचओ शैलजा, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक सुमन मनकोटिया तथा सारे आशा कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।