राज्य कमेटी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नौ मार्च को करेंगे प्रदेशव्यापी हड़ताल
आंगनबाड़ी वर्करज़ एवम हेल्परज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू की राज्य कमेटी आंगनबाड़ी कर्मियों की प्रीप्राइमरी में नियुक्ति व अन्य मांगों को लेकर नौ मार्च को प्रदेशव्यापी हड़ताल करेगी। इस दिन हज़ारों आंगनबाड़ी कर्मी शिमला में विधानसभा के बाहर जोरदार प्रदर्शन करेंगे। हड़ताल के संदर्भ में यूनियन ने निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग हिमाचल प्रदेश सरकार शिमला को हड़ताल नोटिस भेजा है।
उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों को ही प्री प्राइमरी कक्षाओं के लिए नियुक्त करने की मांग की है क्योंकि छः वर्ष से कम उम्र के बच्चों की शिक्षा का कार्य पिछले पैंतालीस वर्षों से आंगनबाड़ी कर्मी ही कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि प्री प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ाने की जिम्मेवारी आंगनबाड़ी कर्मियों को देने की घोषणा प्रदेश सरकार बजट सत्र में ही करे अन्यथा हज़ारों कर्मियों द्वारा बजट सत्र में ही सरकार की घेराबंदी की जाएगी। उन्होंने नई शिक्षा नीति को वापिस लेने की मांग की है क्योंकि यह न केवल छात्र विरोधी है अपितु आइसीडीएस विरोधी भी है। नई शिक्षा नीति में वास्तव में आइसीडीएस के निजीकरण का छिपा हुआ एजेंडा है। इस से भविष्य में आंगनबाड़ी कर्मियों को रोज़गार से हाथ धोना पड़ेगा।
उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2021 के आइसीडीएस बजट में की गई 30 प्रतिशत की कटौती को आंगनबाड़ी कर्मियों के रोज़गार पर बड़ा हमला करार दिया है। उन्होंने वर्ष 2013 में हुए पेंतालिसवें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार आंगनबाड़ी कर्मियों को नियमित करने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि आंगनबाड़ी कर्मियों को हरियाणा की तर्ज़ पर वेतन और अन्य सुविधाएं दी जाएं। उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए तीन हज़ार रुपये पेंशन,दो लाख रुपये ग्रेच्युटी,मेडिकल व छुट्टियों की सुविधा लागू करने की मांग की है। उन्होंने कर्मियों की रिटायरमेंट उम्र 65 वर्ष करने,नई शिक्षा नीति 2020 को खत्म करने,मिनी आंगनबाड़ी कर्मियों को बराबर वेतन देने की मांग की है।उन्होंने मांग की है कि प्री प्राइमरी कक्षाओं व नई शिक्षा नीति के तहत छोटे बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा केवल आंगनबाड़ी वर्करज़ को दिया जाए क्योंकि वे काफी प्रशिक्षित कर्मी हैं। इस संदर्भ में उनकी नियमित नियुक्ति की जाए तथा इसकी एवज़ में उनका वेतन बढाया जाए।