कुल्लू : देव सदन में आयोजित हुआ राज्य स्तरीय पहाड़ी दिवस समारोह
आलाेक। कुल्लू
भाषा एवं भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा आज कुल्लू स्थित देव सदन में आयोजित राज्य स्तरीय पहाड़ी दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग ने ने कहा कि कुल्लू में आयोजित राज्य स्तरीय पहाड़ी दिवस समारोह के आयोजन से जिला सहित प्रदेश में पहाड़ी बोलियों के संरक्षण में सहायता मिलेगी। उन्होंने उपस्थित सभी जनों से भी आग्रह किया कि वे अपनी दैनिक दिनचर्या में अधिक अधिक पहाड़ी बोली में बातचीत करें। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज व राष्ट्र की पहचान उसकी समृद्ध संस्कृति व वहां बोली जाने वाली मातृ बोली से होती है।उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी के लिए प्रदेश की समृद्ध बोलियों का संरक्षण आवश्यक है। उन्होंने भाषा एवं संस्कृति विभाग के प्रयासों की भी सराहना करते कहा कि आज विभाग द्वारा पहाड़ी दिवस के अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन से जिला सहित प्रदेश के युवाओं को अपनी पहाड़ी बोली के संरक्षण व प्रचार प्रसार का एक संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि पहाड़ी बोली में साहित्य का प्रकाशन किया जाना चाहिए, ताकि इसे भावी पीढ़ी के लिए संरक्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि कुल्लू जिला के लेखकों द्वारा इस दिशा में किए गए प्रयास सराहनीय है।
इस दौरान आयोजित कवि सम्मेलन मे पहाड़ी बोली के कवियों द्वारा पहाड़ी बोली में कविता व पहाड़ी गानों का गायन भी किया गया। हमीरपुर जिला के कवि ने व्यंग्य के माध्यम से हमीरपुर की बोली में कविता प्रस्तुत की। मेरीए अम्मा मुझे साधु या नेता बनाई दे। वही कांगड़ा के कवि डॉ. रमेश चंद्र मस्ताना ने भी कांगड़ी में कविता गायन किया। बिलासपुर के कवि रविंद्र शर्मा ने कहलूरी भाषा में गाना गाया तथा गाने के माध्यम से एक फौजी के जीवन का बखान किय ।कुल्लू की अमरा देवी ने समाज में आ रहे बदलाव को कुल्लू बोली के माध्यम से, कुल्लू नगरा लगी डिस्को नाटी, पर गायन किया तथा अपने गायन के माध्यम से युवाओं को अपनी भाषा अपनी संस्कृति न भूलने का संदेश दिया। सिरमौर जिला के प्रेम लाल आर्य ने मेरा प्यारा हिमाचल का बखूबी प्रस्तुति दी उन्होंने अपने गीत के माध्यम से पूरे हिमाचल प्रदेश का भ्रमण करवा दिया। मंडी की कृष्णा ठाकुर ने लोकतंत्र के पर्व पर गायन किया तथा अपने गीत के माध्यम से लोकतंत्र के महत्व को बताया तथा लोगों से आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान का आग्रह किया। वहीं, शिमला जिला की युवा कवयित्री उमा ठाकुर ने पहाड़ी भाषा हिमाचल री शान पर कविता पाठ किया। उन्होंने अपनी कविता के माध्यम से सभी विशेषकर युवाओं से पहाड़ी बोली में बातचीत करने तथा लेखन का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि यदि हम अपनी दैनिक चर्या में पहाड़ी भाषा का अधिक से अधिक प्रयोग करेंगे, तभी भावी पीढ़ी भी इस ओर आकर्षित होगी। उन्होंने इस दौरान महासू में गाए जाने वाले लावण का भी गायन किया। सरला चंब्याल कुल्लू में गाए जाने वाले तुलसी विवाह पर गायन किया। इस दौरान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छात्र कुल्लू के विद्यार्थियों द्वारा प्राचीन लोकनाट्य होरन का विमोचन का मंचन भी किया गया। वरिष्ठ कवि व लेखक दयानंद गौतम ने कवि गोष्ठी के मंच का संचालन किया। इस अवसर पर भाषा एवं संस्कृति विभाग के अधिकारी व जिला भाषा अधिकारी अधिकारी प्रदेश भर से आए कवि व कवयित्री उपस्थित थे।