केंद्रीय अंतरिम बजट हिमाचल वासियों को निराश करने वाला बजट : मुख्यमंत्री
** कहा, बजट में हिमाचल को विशेष आर्थिक पैकेज देने का कोई जिक्र नहीं
** मध्यम वर्ग को राहत देने के बजाय केवल पूंजीपतियों का रखा ख्याल
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए अंतरिम बजट को जहां भाजपा राष्ट्रीय हित का बजट बता रही है तो वहीं, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसे देशवासियों और हिमाचल की उम्मीदों पर खरा उतरने में नाकाम रहने वाला बजट करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह प्रदेशवासियों को निराश करने वाला बजट है। वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत अंतरिम बजट भाषण में कोई भी नई बात नहीं कही गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2023 में हिमाचल में आई प्राकृतिक आपदा के बाद प्रदेशवासियों को केंद्र सरकार से विशेष आर्थिक पैकेज की उम्मीद थी, लेकिन इसका कोई जिक्र नहीं है। वहीं, रेल नेटवर्क के विस्तारीकरण के दृष्टिगत भी हिमाचल का कहीं उल्लेख नहीं किया गया है।
सीएम ने कहा कि इसमें मध्यम वर्ग के लिए कर में कोई भी अतिरिक्त छूट नहीं दी गई है, जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था में मध्यम वर्ग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। गरीब व मध्यम वर्ग को राहत देने के बजाय इस बजट में केवल पूंजीपतियों तथा उद्योगपतियों का ध्यान रखा गया है।
उन्होंने कहा कि सतत विकास के लिए हरित ऊर्जा और सौर ऊर्जा की बात कही गई है, लेकिन इसके लिए कोई स्पष्ट रोडमैप का उल्लेख भाषण में नहीं है। मध्यम वर्ग के लिए कर में कोई भी अतिरिक्त छूट नहीं दी गई है, जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था में मध्यम वर्ग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। उन्होंने कहा कि एलपीजी की कीमतों में वृद्धि की गई है और आमजन के लिए डीजल और पैट्रोल की कीमतों में कोई कटौती नहीं की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर संग्रह 1.8 लाख करोड़ तक पहुंचने के बावजूद आयकर और अन्य करों में कोई भी अतिरिक्त रियायत नहीं दी गई है. हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य जहां मेट्रो रेल शुरू नहीं की जा सकती, वहां के लिए किसी भी तीव्र सार्वजनिक यातायात प्रणाली का भी उल्लेख नहीं है. इसके अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र में भी किसी नई पहल का जिक्र नहीं किया गया है.