मणिपुर हिंसा को लेकर सोलन के चिल्ड्रन पार्क में विभिन्न संगठनों ने किया धरना-प्रदर्शन

आज जनवादी महिला समिति, सीटू, हिमाचल किसान सभा, एसएफआई, डीवाईएफआई आदि संगठन के द्वारा सोलन के चिल्ड्रन पार्क में धरना-प्रदर्शन किया गया। यह धरना-प्रदर्शन मणिपुर में पिछले 86 दिनों से जारी हिंसा के विरोध में किया गया। इस हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा में 70 हजार लोग प्रभावित होकर बेघर हुए हैं। ये सभी लोग राहत शिविरों में गुजर बसर करने को मजबूर हैं। भाजपा की प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह की संवेदनहीन व पक्षपातपूर्ण कार्यप्रणाली के कारण स्थिति दिनोंदिन भयावह होती जा रही है। राज्य में महिलाओं, बच्चियों व लड़कियों के यौन शोषण व बलात्कार की घटनाएं आम हो गयी हैं। गत दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हुई दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके उनके सामूहिक बलात्कार की 4 मई की घटना ने देश व सभ्य समाज के रौंगटे खड़े कर दिए हैं। किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में यह बेहद लज्जाजनक घटना है। प्रदेश की भाजपा सरकार इस तरह की घटनाओं को लगातार छिपाने की कोशिश करती रही है व दोषियों को मूक समर्थन देती रही है। सरकार की अक्षमता व भेदभावपूर्ण कार्यप्रणाली के कारण मणिपुर में स्थिति लगातार बिगड़ रही है। आश्चर्यजनक बात है कि इस तरह की हिंसा व बलात्कार की घटनाओं पर देश के प्रधानमंत्री तीन महीने तक मौन रहे।
जब दो महिलाओं के बलात्कार व निर्वस्त्र करने का वीडियो वायरल हुआ तो प्रधानमंत्री ने मीडिया को संबोधित करते हुए भारी संवेदनहीनता का परिचय दिया तथा राजस्थान व छतीसगढ़ के मसले उठाकर मणिपुर मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश की। उनका बयान पूरी तरह गैर जिम्मेदाराना था व उन्होंने देश में बलात्कार, सामूहिक हत्याओं व हिंसा की घटनाओं जैसे संवेदनशील मुद्दों को राजनीति का शिकार बना दिया। किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में नागरिकों के यह मंजूर नहीं हो सकता है। प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह, देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व देश के गृह मंत्री अमित शाह की कार्यप्रणाली मणिपुर हिंसा में संदेह के घेरे में रही है। उनकी अक्षमता, पक्षपात व भेदभाव पूर्ण कार्यप्रणाली के कारण मणिपुर व देश की जनता का विश्वास मणिपुर की भाजपा सरकार वह केंद्र सरकार से पूर्णत उठ चुका है इस सारी पृष्ठभूमि में मणिकर के विषय पर आपका सकारात्मक हस्तक्षेप अपेक्षित है आशा है कि आप इस विषय पर तुरंत कार्रवाई अमल में लाएंगे।
जनवादी महिला समिति, सीटू, हिमाचल किसान सभा, एसएफआई, डीवाईएफआई इस धरना प्रदर्शन से मांग करती है कि मणिपुर हिंसा पर तत्काल रोक लगाई जाए। वहां सांप्रदायिक सौहार्द कायम किया जाए। मणिपुर में तत्काल शांति बहाल की जाए। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह तथा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अक्षम भेदभाव व पक्षपात पूर्ण कार्यप्रणाली के कारण उन्हें तत्काल अपने पदों से हटाया जाए। मणिपुर में सिटी उत्पीड़न बलात्कार व यौन शोषण पर रोक लगाई जाए। बेघर लोगों को राहत शिविरों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए व उन्हें उनके मूल निवास में पहुंचाने के यथाशीघ्र ठोस उपाय किए जाए। हिंसा बलात्कार व सामूहिक हत्याओं के लिए जिम्मेवार लोगों पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए। उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए। उनके खिलाफ मुकदमे फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए व उन्हें कड़ी सजा सुनिश्चित की जाए । हिंसा व बलात्कार की घटनाओं का शिकार हुए लोगों में महिलाओं को उचित राहत उपलब्ध करवाई जाए। इस धरना प्रदर्शन में 50 से ज्यादा लोग शामिल रहे।