जंगली जानवर कर रहे किसानों की फसल तबाह

विकास खण्ड कुनिहार के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रो श्यांवा, नमोल, खनोल, हरिपुर, टूकाड, डूमेहर, पपलोटा, आदि गांवों में बन्दर , सुअरों, राल आदि जंगली जानवरों ने किसानों के मक्की के पूरे पूरे खेत तबाह कर दिए है। क्षेत्र में अधिकतर किसानों की आजीविका इन फसलों पर ही निर्भर है। किसान अपनी मेहनत को इस तरह तबाह होते देखने को मजबूर है यंहा बंदरों व अन्य जंगली जानवरों की संख्या बहुत अधिक हो चुकी है। आजकल मक्की की फसल लगभग तैयार होने को है लेकिन किसानों को दिन में जँहा बंदरों व पक्षियों से अपनी फसल बचानी पड़ रही है तो वन्ही रात को सुअर, रॉल व अन्य जंगली जानवर फसलों को तबाह कर रहे हैं।
किसानों गोपाल वर्मा, विकास वर्मा, राजेश, प्रेम, प्रताप, शेरसिंह, कर्मचन्द, अजय, सुधीर आदि ने बताया कि इस बार समय समय पर बारिश होने के कारण मक्की की फसल अच्छी थी लेकिन बंदरों ,सूअरों व अन्य जंगली जानवरों ने सारी फसल बर्बाद कर दी है। जिससे हमारी मेहनत पर पानी फिर गया है व हमे भारी आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है। इस बार फसल तबाह होने की वजह से किसानों को अपने परिवार के पालन पोषण की चिंता सता रही है। कई किसानों ने कृषि ऋण भी ले रखा है जिसे लौटाने की चिंता भी किसानों को है। किसानों ने सरकार से जंगली जानवरों से हुए फसल के नुकसान का उचित मुवावजा देने की मांग की है।
इस बारे वन मण्डलाधिकारी कुनिहार सतीश नेगी ने बताया कि समय समय पर बंदरों को पकड़ कर इनकी नशबंदी की जाती है ताकि इनकी तादात न बढ़े। इस बार भी हर डिवीजन को बन्दर पकड़ने के टारगेट दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त सुअरों आदि जानवरों से अपनी फसल बचाने के लिए किसानों को सरकार से सबसिडी पर नेट व अन्य सामग्री का लाभ लेना चाहिए।विकास खण्ड कुनिहार के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रो श्यांवा, नमोल, खनोल, हरिपुर, टूकाड, डूमेहर, पपलोटा, आदि गांवों में बन्दर , सुअरों, राल आदि जंगली जानवरों ने किसानों के मक्की के पूरे पूरे खेत तबाह कर दिए है। क्षेत्र में अधिकतर किसानों की आजीविका इन फसलों पर ही निर्भर है। किसान अपनी मेहनत को इस तरह तबाह होते देखने को मजबूर है यंहा बंदरों व अन्य जंगली जानवरों की संख्या बहुत अधिक हो चुकी है। आजकल मक्की की फसल लगभग तैयार होने को है लेकिन किसानों को दिन में जँहा बंदरों व पक्षियों से अपनी फसल बचानी पड़ रही है तो वन्ही रात को सुअर, रॉल व अन्य जंगली जानवर फसलों को तबाह कर रहे हैं।