एनीमिया मुक्त हिमाचल अभियान के अंतर्गत कार्यशाला आयोजित

केन्द्र सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित किए जा रहे रक्तालपता (एनीमिया) मुक्त हिमाचल अभियान के अंतर्गत शनिवार को ज़िला आयुर्वेदिक अस्पताल के सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला की अध्यक्षता ज़िला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. राजेंद्र शर्मा ने की। कार्यशाला में सोलन ज़िला के धर्मपुर विकास खंड के 40 आयुर्वेदिक चिकित्सकों व फार्मासिस्टों को एनीमिया के बारे में जागरूक किया गया। डॉ. राजेंद्र शर्मा ने कहा कि धर्मपुर विकास खंड की 38 ग्राम पंचायतों के सभी गांवों में अगले माह निःशुल्क रक्त जांच शिविर आयोजित किए जाएंगे। शिविर में आधुनिक उपकरणों व तकनीक के प्रयोग से रक्त की जांच की जाएगी और अनीमिया के लक्षण वाले व्यक्तियों को निःशुल्क दवाएं भी वितरित की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि सभी आयु वर्गों की खून की जांच के बाद आयु के अनुरूप चिकित्सा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिविर के दौरान लोगों को स्वस्थ जीवन शैली के बारे में भी जागरूक किया जाएगा। ज़िला आयुर्वेदिक अधिकारी ने कहा कि एनीमिया की रोकथाम के उद्देश्य से स्वस्थ जीवन शैली पर जागरूकता उत्पन्न करना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए लोगों को अनीमिया के दुष्प्रभावों से जागरूक करने के लिए समय-समय पर पक्ष समर्थन बैठकों (एडवोकेसी मीटिंग) का आयोजन किया जाएगा जिसमें पंचायत प्रतिनिधि, महिला मंडल, युवक मंडल, स्वयं सेवी संस्थाओं व अन्य अधिकारी भाग लेना सुनिश्चित करेंगे ताकि इस कार्यक्रम को आंदोलन का रूप दिया जा सके। उन्होंने कहा कि एनीमिया से ग्रस्त 16 से 45 वर्ष तक की किशोरियों व महिलाओं को पोषाहार के लिए प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाएगी। डॉ. राजेंद्र शर्मा ने कहा कि देश व प्रदेश में एनीमिया के कारण सबसे अधिक जोखिम किशोरियों को उठाना पड़ता है इसलिए आवश्यक है कि युवतियों एवं महिलाओं के खानपान का विशेष ध्यान रख कर उन्हें पौष्टिक एवं आयरन युक्त आहार प्रदान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किशोरावस्था में युवकों को भी एनीमिया के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि लोगों को नियमिति तौर पर फल के साथ-साथ संतुलित आहार लेना चाहिए जिससे शारीरिक विकास के साथ शरीर में खून की कमी भी नहीं होगी। किशोर अवस्था में बच्चों को बड़ों की तुलना में अधिक पौष्टिक तत्वों की जरूरत होती है क्योंकि इस समय हमारा मानसिक और शारीरिक विकास बहुत तेजी से होता है। पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं तथा बच्चों में यह बीमारी ज्यादा पाई जाती है। कार्यशाला में आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. जयपाल गर्ग ने एनीमिया के लक्षण तथा डॉ. प्रियंका सूद ने एनीमिया के उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरविंद गुप्ता ने दवा वितरण एवं रिकार्ड एक्शन प्लान के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में आयुर्वेदिक चिकित्सकों एवं फार्मासिस्टों की एनीमिया से संबंधित विभिन्न शंकाओं का समाधान भी किया गया।