लड़कियों के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव आवश्यक - केसी चमन

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर शुक्रवार को सोलन में कन्याओं के प्रति सोच में सकारात्मक बदलाव लाने और समाज को लड़कियों के प्रति अपने दृष्टिकोण को व्यापक बनाने के उद्देश्य से एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। उपायुक्त सोलन केसी चमन ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उपायुक्त ने इस विशेष कार्यक्रम में 201 कन्याओं का पूजन किया तथा 15 कन्या शिशुओं को बेटी जन्मोत्सव के तहत सम्मानित किया। इस अवसर पर 15 से 49 वर्ष की किशोरियों एवं महिलाओं की चिकित्सीय जांच की गई और उन्हें परामर्श प्रदान किया गया। केसी चमन ने इस अवसर पर सभी को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की शपथ दिलाई और हस्ताक्षर पट्ट पर हस्ताक्षर किए।
केसी चमन ने सभी को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की बधाई देते हुए आशा जताई कि यह कार्यक्रम न केवल अपने उद्देश्य में सफल होगा अपितु महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं के अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित बनाना है और बालिकाओं के समक्ष आने वाली चुनौतियों की पहचान कर लड़कियों को अधिक सशक्त बनाना है।
उपायुक्त ने कहा कि भारतीय संस्कृति सनातन काल से कन्याओं को सम्मान और महिलाओं को पुरूषों के बराबर के अधिकार देती आई है। उन्होंने कहा कि हमारे वेदों की अनेक ऋचाओं का सृजन महिलाओं द्वारा किया गया है। हमारी धार्मिक मान्यता में देवी का स्थान देवताओं से ऊपर रखा गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति की इस भावना का उद्देश्य समाज को यह बताना भी है कि लड़का-लड़की में कोई भेदभाव नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में अनेक कारणों से समाज की मानसिकता में परिवर्तन आया है। केंद्र तथा प्रदेश सरकार द्वारा यह सुनिश्चित बनाया जा रहा है कि जन-जन की मानसिकता विशेष रूप से कन्या शिशु के प्रति सकारात्मक हो। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए महत्वाकांक्षी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसा अभियान कार्यान्वित किया जा रहा है।
केसी चमन ने कहा कि लड़कियां परिवार की धुरी होती हैं और एक कन्या को शिक्षित कर दो परिवारों के क्रमिक विकास की दिशा तय होती है। उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि अपनी बेटियों को समान अवसर प्रदान करें ताकि वे सभी क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सके। उन्होंने कहा कि गत कुछ वर्षों से हमारे देश, प्रदेश व जिला में लड़कियों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी धाक जमाई है। उन्होंने कहा कि लड़कियां परिवार के साथ-साथ समाज की भी अमूल्य धरोहर है और इन्हें सुरक्षित भविष्य प्रदान करना हम सभी का उत्तरदायित्व है।
उपायुक्त ने अभिभावकों से आग्रह किया कि कन्याओं के पोषण पर विशेष ध्यान दंे और यह सुनिश्चित बनाएं कि वे किशोरावस्था में पूर्ण रूप से स्वस्थ रहें। उन्होंने कहा कि सरकार अनेक ऐसी योजनाएं कार्यान्वित कर रही हैं जो कन्याओं के पोषण पर केंद्रित है। उन्होंने आग्रह किया कि लड़कियांे का समय-समय पर चिकित्सीय परीक्षण करवाते रहें ताकि उनकी पोषण एवं अन्य आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। उन्होंने समाज का आह्वान किया कि लिंग जांच परीक्षण को पूर्ण से नकारे और यदि इस तरह की कोई सूचना मिलती है तो प्रशासन को अवगत करवाएं। उन्होंने कहा कि सोलन जिला में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ एवं पोषण अभियान के सार्थक परिणाम सामने आएं है। सोलन जिला को राष्ट्रीय तथा प्रदेश स्तर पर इन अभियानों के सफल कार्यान्वयन के लिए सम्मानित किया गया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीविक्षाधीन अधिकारी डॉ. निधि पटेल ने इस अवसर पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान तथा प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण जांच के विषय में सारगर्भित जानकारी प्रदान की। जिला कार्यक्रम अधिकारी वंदना चौहान ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजन उप्पल, बाल कल्याण समिति सोलन की अध्यक्ष विजय गुप्ता लांबा, डॉ. सुरभी शर्मा, डॉ. योगिता, समेकित बाल विकास परियोजना अधिकारी पवन गुप्ता सहित बड़ी संख्या में अभिभावक तथा कन्याएं इस अवसर पर उपस्थित थी।