स्वास्थ्य विभाग सोलन की नशा मुक्ति अभियान के तहत अभिनव पहल

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नशा मुक्त हिमाचल के संकल्प को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग सोलन द्वारा अभिनव पहल की गई है। इस पहल के अंतर्गत विभाग विद्यालयों के साथ-साथ जिला में कार्यरत विभिन्न उद्योगों सहित ट्रक, टैम्पो यूनियनों के साथ जुड़े चालकों एवं अन्य को नशे से दूर रहने के लिए जागरूक करेगा। समाज में व्याप्त विभिन्न प्रकार की नशाखोरी का पता लगाकर पीडि़त व्यक्तियों का समुचित उपचार किया जाएगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा इस अभिनव पहल का शुभारंभ गत दिवस सोलन के चंबाघाट स्थित शिवालिक बाई मेटल उद्योग से किया गया। इस प्रथम कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डॉ. राजन उप्पल ने की। डॉ. राजन उप्पल ने कहा कि विभिन्न प्रकार के नशों से लोगांे को दूर रखने में जहां स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की भूमिका है वहीं समाज को भी अपना उत्तरदायित्व निभाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग के साथ-साथ उद्योग जगत एवं स्वरोजगार कर रहे लोगों पर भी ध्यान दिया जाना आवश्यक है ताकि नशाखोरी की समस्या का सफलतापूर्वक सामना किया जा सके। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि विभाग अपनी इस अभिनव पहल के तहत युवाओं तथा उद्योगों में कार्यरत कामगारों, ट्रक-टैम्पों यूनियन के साथ जुड़े लोगों एवं अन्य में नशाखोरी की पहचान करेगा और उन्हें मनोचिकित्सीय एवं मनोवैज्ञानिक उपचार उपलब्ध करवाएगा। उन्होंने जिला में कार्यरत उद्योगों के प्रबंधन से आग्रह किया कि अपने संस्थानों में नशोखारी की समस्या पर ध्यान दें ताकि पीडि़त व्यक्तियों का समय पर उपचार किया जा सके और उद्योगों की उत्पादकता में कमी न होने दी जाए।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के जिला सोलन के जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. अजय सिंह ने इस अवसर पर कहा कि समाज को विभिन्न प्रकार के नशों से बचाने के लिए जागरूकता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रचलित नशे के साथ-साथ हमें सिगरेट, बीड़ी एवं तंबाकू का प्रयोग करने वाले व्यक्तियों को भी नशा पीडि़त के रूप में पहचानना होगा। उन्होंने कहा कि लोगों को यह बताना आवश्यक है कि सिगरेट एवं तंबाकू का नशा भी घातक है। डॉ. सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग विभिन्न संस्थानों में जाकर यह प्रयास करेगा कि सभी को न केवल मादक पदार्थों से अवगत करवाया जाए बल्कि उन्हें यह भी समझाया जाए कि नशे का अंत भयावह होता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को यह बताना आवश्यक है कि नशा न केवल आर्थिक रूप से कमजोर बनाता है अपितु व्यक्ति शारीरिक एवं मानसिक रूप से भी समाप्त करता है। उन्होंने कामगारों से आग्रह किया कि सिगरेट, बीड़ी एवं तंबाकू सहित अन्य मादक द्रव्यों से दूर रहें।
इस अवसर पर क्षेत्रीय अस्पताल सोलन के मनोचिकित्सक डॉ. कुशल वर्मा एवं मनोवैज्ञानिक वैशाली शर्मा ने 250 से अधिक व्यक्तियों का परीक्षण किया। कार्यक्रम में 250 कार्यकर्ताओं को नशा विरोधी अभियान के लिए प्रशिक्षित भी किया गया। शिवालिक बाई मेटल उद्योग के प्रबंध निदेशक एनएस घुम्मन ने इस पहल की सराहना करते हुए आशा जताई कि कार्यक्रम से लोगों को जागरूक बनाने और नशा पीडि़त व्यक्तियों की पहचान करने में सहायता मिलेगी।