संस्कृत जन-जन की भाषा बन सके, इसके लिए संस्कृत भारती प्रयासरत

संस्कृत भारती अर्की द्वारा नियमित मासिक मेलन के अंतर्गत धुंधन मठ में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें उपस्थित संस्कृत अनुरागियों द्वारा संस्कृत सप्ताह 12 अगस्त से 18 अगस्त तक विभिन्न विद्यालयों एवं बातल गांव में संचालित संस्कार केंद्र में मनाने का निर्णय लिया गया। संस्कृत जन-जन की भाषा बन सके इसके लिए संस्कृत भारती सतत प्रयासरत है। आज के युग में संस्कारों का शिक्षा के साथ होना अत्यंत आवश्यक है,जो कि संस्कृत ग्रंथो में प्रदत ज्ञान से संभव है। संस्कृत के प्रचार व प्रसार हेतु संगोष्ठी में जनसंपर्क अभियान की योजना भी बनाई गई। अर्की संस्कृत भारती के अध्यक्ष मस्तराम शास्त्री ने धुंधन मठ के महात्माओं द्वारा संस्कृत प्रचार के लिए संस्कृत भारती के प्रयासों की सराहना की। इस दौरान संगोष्ठी में मस्त राम शास्त्री,कमल गौतम,कमलनयन,रितु शर्मा,विवेक शील,भारत भूषण पाठक,किशोरी शास्त्री,मदनलाल, गोपालपुरी उपस्थित रहे।