जल से कृषि को बल योजना से किसान होंगे खुशहाल - राजेन्द्र गर्ग

प्रदेश सरकार के कुशल नेतृत्व में वर्ष-2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कृषि विभाग के माध्यम से प्रदेश में कई योजनाओं व कार्यक्रमों को शुरू किया गया है किसान इन योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आर्थिकी को सुदृढ कर सकते है। जल से कृषि को बल योजना के तहत नदी, नालों पर चेक डैम बनाकर खेतों को पर्याप्त मात्रा में सिंचाई हेतु जल उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत है। यह जानकारी विधायक राजेंद्र गर्ग ने पंतेहड़ा पंचायत में कृषि विभाग के घुमारवीं ब्लाक द्वारा सीड विलेज कार्यक्रम के तहत किसानों के लिए आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर की अध्यक्षता करते हुए अपने सम्बोधन में दी। उन्होंने बताया कि उप मंडल घुमारवीं में किसानों की आर्थिक को सुदृढ़ करने के लिए कृषि विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमो के तहत लगभग 1 करोड 50 लाख रुपए की धनराशि चालू वित्त वर्ष में व्यय की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 90 प्रतिशत किसान छोटे व सीमांत किसान की श्रेणी में आते है और जल से कृषि को बल योजना के तहत पंतेहड़ा पंचायत में योजना के तहत दो चेक डैम बनाए जाने प्रस्तावित है, जिन पर लगभग 16 लाख की धनराशि व्यय की जाएगी और किसानों के खेतों को समुचित मात्रा में सिंचाई हेतु जल उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि चेक डैम बनाने से भूमिगत जलस्तर में भी सुधार होगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब छोटे बड़े सभी किसान पात्र हैं योजना के तहत किसान परिवारों को 6 हजार रूपए वार्षिक कृषि पर होने वाले छोटे खर्चों को वहन करने के लिए प्रदान किए जा रहे है यह राशि तीन बराबर किस्तों में किसानों के बैंक खातों में जमा की जा रही है। प्रदेश सरकार किसानों को उत्तम गुणवत्ता के बीज, खरपतवार, कीटनाशक 50 से 80 प्रतिशत उपदान पर उपलब्ध करवाकर कृषकों की हर संभव सहायता कर रही है और किसानों को सिंचाई के लिए बिजली की दर लगातार दूसरे वर्ष कम करके ७५ पैसे प्रति यूनिट से 50 पैसे प्रति यूनिट किया गया है इससे कृषि लागत कम हुई है और लाखों किसान लाभान्वित हुए है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य कृषि यंत्रीकरण कार्यक्रम के तहत छोटे व मध्यम कृषकों, महिलाओं, अनुसूचित जाति, जन-जाति के लाभार्थियों को ट्रैक्टर, पावर टिलर, वीडर, घास-फसल काटने की मशीने ५० प्रतिशत उपदान पर उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होने बताया कि इस कार्यक्रम पर करोड़ों रुपए की धनराशि चालू वित्त वर्ष में व्यय कर खेती की लागत को कम करने का सार्थक प्रयास किया जा रहा है और किसान इससे लाभान्वित होकर लाभ उठा रहे है। मुख्यमंत्री खेत सरंक्षण योजना के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि खेतों की निरंतर रखवाली आवारा पशुओं व जंगली जानवरों से फसलों को बचाने के लिए योजना के तहत किसानों को सोलर बाड़-बंदी लगाने के लिए 80 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है और किसान सामूहिक रूप से खेतों की बाढ़ बंदी
करने के लिए 85 प्रतिशत उपदान प्रदान किया जाता है उन्होंने बताया कि किसानों की मांग व सुझाव पर प्रदेश सरकार ने अब कांटेदार तार या चैनलिंक बाढ़ लगाने पर भी 50 प्रतिशत उपदान प्रदान किया जा रहा है जिसका किसान लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को इस योजना के बारे में किसानों को अधिक से अधिक जागरूक करने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री खेत सरंक्षण योजना के तहत घुमारवीं उपमंडल में 48 लाख रूपए की धनराशि व्यय कर क्षेत्र की 180 बीघा कुषि योग्य भूमि को संरक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि घुमारवीं ब्लॉक में 900 किवंटल उच्च गुणवत्ता व बेहतर उत्पादन देने वाला गेहूं का बीज किसानों को मुहैया करवाया गया है। स्थानीय पंचायत के विकास पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि लोगों की मांग पर फागत गांव में सामुदायिक भवन बनाने हेतु 2 लाख रूपए और खुवण-हटवाड़ पैदल रास्ते पर नाले में पुलि बनाने के लिए 1 लाख रूपए तथा बलौनी-पटा संपर्क मार्ग के रखरखाव के लिए 1 लाख रूपए स्वीकृत करवा दिए गए है। इस अवसर पर विषयवाद विशेषज्ञ रवि शर्मा ने मुख्य अतिथि तथा अन्य अतिथियों का स्वागत किया तथा किसानों को सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती सहित कृषि विभाग द्वारा किसानों के कल्याण हेतु चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि किसान खेती बाड़ी से संबंधित किसी भी समस्या के समाधान व परामर्श के लिए कृषि विषेषज्ञों से टोल फ्री नम्बर 18001801551 पर सम्पर्क कर सकते हैं। इस अवसर पर मुख्यातिथि द्वारा वयोवृद्ध स्वंतत्रता सेनानी बुद्धी राम को भी सम्मानित किया गया। शिविर में किसानों को गेहूं के बीज को उपचारित करने का प्रशिक्षण दिया गया तथा गेहूं की फसल को बीमारियों से बचाने के तौर-तरीकों से भी अवगत करवाया गया। प्रशिक्षण शिविर में लगभग 300 किसानों ने भाग लिया। इस अवसर पर मण्डलाध्यक्ष सुरेश ठाकुर, स्कूल शिक्षा बोर्ड सदस्य राजेश ठाकुर, एचडीओ कुलदीप शारदा, पंचायत प्रधान शीतल भारद्वाज, कृषि विकास अधिकारी घुमारवीं देव राज शर्मा, उप प्रधान लुहारवीं पंचायत राजिंदर चदेंल, शास्त्री, कृषि विस्तार अधिकारी विकास धर्माणी, अमर नाथ, ब्रह्मानन्द, रणजीत, विजय, संजीव, नरेश, वेद प्रकाश के अतिरिक्त क्षेत्र के किसान उपस्थित रहे।