दिन प्रतिदिन बढ़ रहा ठण्ड का प्रकोप

दाड़लाघाट व आस पास के क्षेत्रों में इन दिनों ठिठुरन भरी ठंड का प्रकोप अत्यधिक बढ़ गया है।बुजुर्गों का कहना है कि पिछले कई वर्षों में इतनी ज्यादा ठंड नहीं देखी गई।ठंड की कंप-कंपी बढ़ने से बच्चें,बजुर्ग सर्दी,जुकाम बुखार की चपेट मे आने लगे हैं।बारिश नहीं होने की वजह से सुबह शाम पूरा क्षेत्र जबरदस्त खुश्क ठंड की चपेट में आ गया है।तापमान में हो रहे इस बदलाव के चलते सरकारी अस्पताल दाड़लाघाट में सर्दी,जुकाम,बुखार के मामले मरीजों की तादाद बढ़ गई है।चिकित्सकों ने मौसम में हो रहे इस बदलाव को देखते हुए लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी है।
लोगों को बारिश का इंतजार
खुश्कठंड के चलते स्वास्थ्य संबंधि समस्याओं से जूझते क्षेत्रवासियों,बागवानों को बारिश के होने का इंतजार है।क्षेत्रवासियों का कहना है कि बारिश के होने से जहां खुश्क ठंड खत्म होगी,वहीं किसानों को खेतों में रुके पड़े कार्य भी शुरू हो सकेंगें। निशांत गुप्ता योगेश उमेश दुशान्त हर्ष सचिन उदित सुनील संजू देवेंद्र मुकेश अनिल ईश्वर दत हेमराज महेंद्र हुताशन रूपराम कामेश्वर जीतराम का कहना है कि क्षेत्रवासी बेसब्री से बारिश का इंतजार कर रहे हैं।
कोहरे से जनता बेहाल
दाड़लाघाट व आसपास के क्षेत्रों में रात को पढ़ने वाली ओस सुबह तक बर्फ का रूप धारण कर लेती है जिससे ठंड और अधिक बढ़ जाती है।वीरवार,शुक्रवार व शनिवार को तड़के दाड़लाघाट में घना कोहरा छाया रहा।ठंड से बचने के लिए लोग गर्म कपड़ों का सहारा और अलाव जलाते नजर आए। हालांकि दिन में धूप निकलने पर लोग कुछ राहत महसूस करते हैं,लेकिन ठंडी हवाएं ने धूप को भी ठंडा कर देती है। वीरवार, शुक्रवार व शनिवार को भी बाजार में लोगों की चहल-पहल कम रही रविवार सुबह भी कोहरा छाया रहा,करीब 11 बजे तक कोहरा छाया रहा ओर सुबह मुख्य बाजार में आवाजाही बेहद कम दिखाई दी। हर कोई इस भीषण ठंड से परेशान हैं।सुबह और शाम सड़कें सूनी हो जा रही हैं। ठंड के कारण उपमंडल के दाड़लाघाट बाजार की दुकानें सुबह 9 बजे खुलती है और शाम होने से पहले ही बंद हो जा रही हैं।शनिवार को भी लोगों को ठंड से राहत नहीं मिली।सर्द हवा से बाहर रहने वाले लोगों के समक्ष आफत आ गई है।आम दिनों में इन बाजारों में सुबह से ही चहल-पहल देखने को मिलती थी,पर कड़ाके की ठंड के कारण बहुत कम लोग बाजार का रुख कर रहे हैं।इससे व्यवसाय पर काफी असर पड़ रहा है।खेती की दृष्टि से इस तरह ही पाला पड़ा तो दलहनी फसल को भारी नुकसान हो सकता है।कुछ किसानों का कहना है कि गेहूं और सरसों के लिए यह मौसम अभी तक लाभदायक है। तापमान में हो रहे बदलाव के चलते अस्पताल में सर्दी जुकाम बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है।डॉक्टर ने सलाह दी है कि सुबह शाम की ठंड से बचकर रहें।