सोलन:श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
सब जीव व प्राणियों में हम सीताराम का दर्शन करें इसी आत्म तत्व के ज्ञान के लिए भागवत होती है I सोलन के लाना कसार में तृतीय दिवस की श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में आचार्य सुमित भारद्वाज ने राजा परीक्षित के श्राप की कथा कहीI उन्होंने कहा कि गंगा के तट पर सुखदेव से राजा परीक्षित ने प्रश्न किया की, महाराज 7 दिन में मरने वाले को क्या करना चाहिए? तब राजा परीक्षित ने कहा कि संसार के सभी प्राणियों की मृत्यु इन्हीं 7 दिनों में होनी निश्चित है, संसार में कोई अमर नहीं हैI राजा परीक्षित आपने यह जीवन के कल्याण का प्रश्न किया हैI जो व्यक्ति मृत्यु भय से पार पाना चाहता है वह सबसे पहले तीन बातों का ध्यान देंI सबसे पहले भगवान की कथा को सुने, सुनने से भगवान के स्वरूप का ज्ञान होता हैI जब तक किसी के बारे में जानोगे नहीं तब तक उससे प्रेम कैसे होगा "जाने बिन नहीं होय प्ररतीति बिन प्ररतीति होत नहीं प्रीति "I आचार्य जी ने कहा कि हमें जो शारीरिक अंग भगवान ने दिए हैं इसका ज्ञान भी हमें तब तक नहीं होता है जब तक हमें उसके बारे में कोई न बताएंI तो जो छुपा हुआ धर्म है, छुपा हुआ परमात्मा है, उसका ज्ञान बिना जाने बिना सुने कैसे होगाI इसके लिए सबसे पहले कथाओं को सुनना चाहिएI दूसरा श्रोतव्य, कीर्ति तव्य कथाओं को सुनकर दूसरों को भी सुनाना चाहिए और तीसरा भगवान का ध्यान करना चाहिए ध्यान करने के लिए चार कार्य करने चाहिएI सबसे पहले आसन जीतो, प्राणायाम करो, इंद्रियों पर विजय प्राप्त करो और चौथा भगवत भक्त, महात्माओं व अच्छे लोगों का संग करोI महाराज ने कहा कि इसके बाद सृष्टि प्रक्रिया में ब्रह्मा जी की उत्पत्ति, दो शब्द सुनाई दिएI तप के माध्यम से भगवान ने चतुश्लोकी भागवत का ज्ञान दियाI भगवान ब्रह्मा जी को कहते हैं कि जब यह संसार कुछ भी नहीं था, तब केवल मैं थाI मैंने ही यह संसार बनायाI ब्रह्मा जी ने कहा कि मनुष्य रूपी ढांचा बनाने के लिए 5 चीजें चाहिए पृथ्वी, तेज ,जल, वायु ,आकाश जब यह नहीं थे, तो आपने कैसे संसार बनायाI तब भगवान बोले जब मकड़ी घर में जाला लगाती है वह उसे अपने अंदर से निकालती है, वैसे ही मैंने यह संसार अपने अंदर से निकाला हैI इसलिए जो तत्ववेता ज्ञानी पुरुष होते हैं वह " सियाराम मय सब जग जानी करहु प्रणाम जोरि जुग बानी " सब जीव प्राणियों में अपने सीताराम का दर्शन करते हैं "जर्रे जर्रे में है झांकी भगवान की किसी सूझ वाली आंख ने पहचान की"I इसी आत्म तत्व के ज्ञान के लिए भागवत होती है सृष्टि प्रक्रिया के बाद भगवान ने पृथ्वी को स्थापित कर दियाI इतनी सुंदर सृष्टि भगवान ने बनाईI उसके बाद कपिल मुनि देवहूति प्रसंग और सती चरित्र के बारे में भक्तों को कथा श्रवण करवाईI कथा में दुनिया बनाने वाला रचना रचाने वाला सब का हैI दाता भगवान माने ना माने इंसान जैसे भजनों पर श्रोताओं ने खूब आनंद लियाI राधे-राधे के जयकारों के साथ कथा के बाद भंडारे का प्रसाद ग्रहण कियाI
