छात्रों को नवीन विचारों को उद्यम में विकसित करने की जरूरत: डॉ कौशल
छात्रों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का उपयोग करके कृषि बागवानी, वानिकी और संबद्ध विषयों में अपने नवीन विचारों को सफल व्यावसायिक उद्यमों में विकसित करने की जरूरत है। डॉ वाईएस परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के कुलपति डॉ परविंदर कौशल ने ‘स्टार्टअप आइडिया ऑन एंटरप्रेन्योरशिप’ पर एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान एक्सपेरिमेंटल लर्निंग प्रोग्राम (ईएलपी) और तीसरे वर्ष के बीएससी (ऑनर्स) औदयानिकी के छात्रों के साथ बातचीत के दौरान यह बात कही। विश्वविद्यालय के इंकूबेशन सेंटर, बिज़नस मैनेजमेंट विभाग ने राज्य के उद्योग विभाग के साथ मिलकर इस कार्यशाला का आयोजन किया। डॉ कौशल ने कहा कि छात्रों को अपने व्यावसायिक विचारों में विश्वास होना चाहिए और उन्हें आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय उनके विचारों को सफल व्यवसायों में बदलने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। कुलपति ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि उद्योग और शिक्षा संस्थानों के बीच ज्ञान का आदान-प्रदान और मानव संसाधन के प्रशिक्षण के लिए सहयोग हो। उन्होंने कहा कि उद्योग की मांग के अनुसार व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू किए जा सकते हैं, जबकि उद्योग फेलोशिप और विशेषज्ञ व्याख्यान के माध्यम से योगदान दे सकते है। डॉ कौशल ने विश्वविद्यालय में उद्योग की मदद से छोटी डेमो इकाइयाँ स्थापित करने का सुझाव दिया और कहा कि विश्वविद्यालय प्रदेश उद्योग विभाग के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया में है, जिससे छात्रों को नौकरी, प्रशिक्षण प्राप्त करने में लाभ होगा। सोलन के जनरल मैनेजर (उद्योग) राजीव कुमार कार्यशाला के दौरान गेस्ट ऑफ ऑनर रहे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना, मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना जैसी कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनका उपयोग युवा उद्यमियों द्वारा किया जा सकता है। उन्होंने नए व्यवसायों की स्थापना के लिए राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में भी बताया। मेरिडियन मेडिकेयर फार्मा लिमिटेड के निदेशक विनीत राय ने भी छात्रों के साथ बातचीत की। उन्होंने सलाह दी कि छात्रों को सफल होने के लिए नई सोच के साथ आगे बढ़ना होगा। कार्यशाला के समन्वयक डॉ राजेश भल्ला,बिज़नस मैनेजमेंट विभाग के हैड डॉ केके रैन, इंकूबेशन सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ मनोज वैद्य और प्रबंधक डीआईसी सोलन नेहा चौहान ने भी प्रतिभागियों को विभिन्न विषयों पर संबोधित किया। निदेशक अनुसंधान डॉ जेएन शर्मा, डीन वानिकी महाविद्यालय डॉ कुलवंत राय, डीन औदयानिकी महाविद्यालय डॉ एमएल भारद्वाज और अन्य संकाय ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।
