ऐसे करे महादेव को प्रसन्न : पंडित कामेश्वर शर्मा
फाल्गुन माह की महाशिवरात्रि माह इसी पुण्य को पुनः वृद्धि करने का वरदान है। स्वयं भगवान शिव माता पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, नंदी और अपने शिवगणों सहित इस दिन अपने भक्तों के द्वारा किए जाने वाले पूजन-श्रीरुद्राभिषेक का तत्क्षण फल प्रदान करते हैं। यह जानकारी कुनिहार के प्रख्यात पण्डित कामेश्वर शर्मा ने दी। उन्होंने बताया की महादेव को प्रसन्न करने के लिए अच्छे अवसर के रूप में महाशिवरात्रि का पावन पर्व 21 फरवरी शुक्रवार को है। शिव की आराधना पंचामृत से करें तो अति उत्तम रहेगा। शिव की ही ऐसी पूजा है जिसमे केवल पत्रं पुष्पं फलं तोयं अर्थात- पत्र, पुष्प, फल और जल से करके भी पूर्ण फल प्राप्त किया जा सकता है। इसलिए इसदिन आपके पास सामग्री नहीं हो तो भी इन्हीं मंत्रों से श्रद्धा-विश्वास के साथ जलाभिषेक करते हुए भगवान शिव कि पूजा करें और "ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय" का जप करते रहें व स्त्रियों के लिए शिवाय नमः से जप कर सकते है। ऐसा जपते हुए बेलपत्र पर चन्दन या अष्टगंध से राम-राम लिख कर शिव पर चढ़ाएं। पुत्र पाने की इच्छा रखने वाले शिवभक्त दूध अथवा मंदार पुष्प से, घर में सुख शान्ति चाहने वाले धतूरे के पुष्प अथवा फल से, शत्रुओं पर विजय पाने वाले अथवा मुकदमों में सफलता कि इच्छा रखने वाले लोग भांग से शिव कि पूजा करें तो सभी तरह की पराजित होने वाली संभावनाएं समाप्त हो जाएंगी। कर्ज से मुक्ति पाने वाले भक्त शहद और घी से रुद्राभिषेक करें। अधिक मान सम्मान और यश प्राप्ति की कामना करने वाले भक्तों को गुलाब जल से अभिषेक करना चाहिए जबकि विद्यार्थियों को प्रतियोगिता में अच्छी कामयाबी के लिए दूध और मिश्री को मिश्रित करके शिवाभिषेक करें। संपूर्ण कष्टों और पुनर्जन्मो से मुक्ति चाहने वाले मनुष्य गंगा जल और पंचामृत चढाते हुए "ॐ नमो भगवते रुद्राय ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नों रुद्रः प्रचोदयात।" मंत्र को पढ़ते हुए सभी सामग्री जो भी यथा संभव हो उसे लेकर समर्पण भाव से शिव अर्पित करें। श्रद्धा भाव और विश्वास के साथ जो भी करेंगे महादेव आपकी सभी मनोकामना पूर्ण करेंगे।
