गुरुमति संगीत की आवश्यकता व महत्व पर डाला प्रकाश
बाबा दीप सिंह जी शहीद गुरुद्वारा बरयाली दाड़लाघाट का तृतीय वार्षिक समारोह बड़ी श्रद्धा व हर्षोल्लास के साथ गुरुद्वारा प्रांगण में आयोजित किया गया जिसमें बाबा सुच्चा सिंह गुरुमति संगीत अकादमी जंडियाला गुरु अमृतसर से पधारे उस्ताद सुखवंत सिंह, उस्ताद जसपाल सिंह, उस्ताद अनिकबार सिंह ने अपनी उपस्थिति दर्ज कर गुरुमति संगीत की आवश्यकता व महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर ज्ञानी सरवन सिंह विशेष तौर पर उपस्थित रहे। ज्ञात रहे कि ज्ञानी सरवन सिंह विश्व में सबसे लंबे केशधारी होने का गौरव प्राप्त कर चुके है तथा इनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल है।यह विशेष रूप से कनाडा से इस गुरुद्वारे में उपस्थित रहे।विगत 3 वर्षों से इस अकादमी में विगत 3 वर्षों से सांगीतिक गतिविधियों का संचालन उच्चतम व संगीत गुरुओं द्वारा किया जा रहा है तथा भविष्य में भी गुरमति संगीत से प्रयुक्त हो रहे परम्परिक वाद्यों के प्रशिक्षण की व्यवस्था अकादमी में की जाएगी, ताकि क्षेत्र के संगीत जिज्ञासुओं को गवेषणा के नवीन मार्ग मिल सके। गुरुद्वारा प्रबंधक ज्ञान सिंह एवं ज्ञानी हरि सिंह ने समस्त उपस्थित अतिथियों का स्वागत कर आगंतुकों के लिए लंगर व्यवस्था का आयोजन भी किया। इस अवसर पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा लगाए गए निशुल्क कैंसर चिकित्सा शिविर में क्षेत्र के अनेक लोगों का मुफ्त उपचार किया गया। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ललित कला संकाय के अधिष्ठाता आचार्य पीएन बंसल ने संगीत विशेषता गुरुमति संगीत संवर्धन में अकादमी के प्रयासों की सराहना करते हुए बरयाली गुरुद्वारा परिसर को संगीत के शोध आत्मक गतिविधियों के केंद्र के रूप में विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि क्षेत्र के युवाओं में संगीत का प्रशिक्षण मिल सके।
