सरकार आंगनबाड़ी वर्करज को उचित आधुनिक मेडिकल किट कराए उपलब्ध
आंगनबाड़ी वर्करज एवं हेल्परज़ यूनियन अर्की की प्रधान विमला ठाकुर ने मीडिया के माध्यम से प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा की कोरोना महामारी के कारण पैदा हुए महासंकट के कारण आज देश व प्रदेश की जनता काफी परेशानी में है। महामारी के फैलाव को रोकने व इस पर अंकुश लगाने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही आशा वर्करज व आंगनवाड़ी वर्करज को भी शामिल किया है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी वर्करज पहले भी दर्जनों तरह के कार्य करके समाज के प्रति अपनी भूमिका को बेहद संवेदनशील तरीके से निभाती रही हैं व वर्तमान में भी सरकार की सबसे ज़्यादा योजनाओं को जनता के घर द्वार पहुंचाने का कार्य आंगनबाड़ी वर्करज ही कर रही हैं व इस आपातकालीन स्थिति में अगर प्रशासन कोरोना की डोर टू डोर मैपिंग के कार्य में आंगनबाड़ी वर्करज को शामिल करता है तो वर्करज व परिवार के स्वास्थ्य का ख्याल रखना भी आईसीडीएस विभाग व प्रदेश सरकार की जिम्मेवारी बनती है। परन्तु खेद का विषय है कि आज भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से भेदभाव जारी हैं। आंगनबाड़ी वर्करज को कार्य करने के लिए बाध्य तो किया जा रहा है परन्तु उन्हें सरकार की ओर से कोई मेडिकल किट उपलब्ध नहीं करवाई गई है ना ही अन्य कर्मचारियों की तरह बीमा सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है और ना ही उन्हें उचित दैनिक आर्थिक मदद अथवा दैनिक भत्ता भी नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने सरकार व विभाग से मांग की है कि कोरोना मैपिंग करने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को उचित आधुनिक मेडिकल किट उपलब्ध करवाई जाए। मैपिंग के दौरान डयूटी करने पर 100 रुपये के बजाए 300 रुपये दैनिक भत्ता दिया जाए स्वास्थ्य कर्मियों व आशावर्कर की तर्ज़ 50 लाख रुपये का बीमा किया जाए।
