ग्रामीणों ने जंगली बिल्ली को समझा तेंदुए का बच्चा
कुनिहार क्षेत्रवासियों को घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योकि क्षेत्र के एक गांव में मिला जंगली जानवर का शावक कोई तेंदुए का नहीं अपितु जंगली बिल्ली का बच्चा था जो अपनी मादा बिल्ली से बिछड कर किसी की मलकियत में आ गया होगा।
यह बात वन मंडलाधिकारी कुनिहार सतीश नेगी ने कही है उन्होंने कहा कि सम्भवतः वन में कई प्रकार के वन्य प्राणी विचरकर रिहायशी इलाको तक पंहुच जाते हैं। उन्होंने कहा कि कुनिहार के खनोल गांव में किसी ग्रामीण को मिला जंगली शावक कोई तेंदुए का बच्चा नहीं है अपितु एक जंगली बिल्ली का शावक था जिसे रेस्क्यू करके उसी स्थान के वन परिक्षेत्र में छोडकर करीब दो दिनों तक उसकी मोनिटरिंग की गई। उन्होंने कहा कि वन्य प्राणी विभाग शिमला को भी उक्त शावक की फोटो वीडियो सहित कुछ डिटेल भेजी गई थी, जिसमे उन्होंने भी स्पष्ट किया कि यह कोई तेंदुए का शावक नहीं अपितु जंगली बिल्ली का बच्चा है जो कुनिहार वन परिक्षेत्र में बहुत कम पाया जाता है।
सतीश नेगी ने कहा कि कुनिहार क्षेत्र वासियों को घबराने की कोई आवश्यकता नहीं हैं। उन्होंने सभी लोगो से अपील करते हुए कहा कि वन परिक्षेत्र में अकेले न जाए। अगर किसी की मलकियत में कोई जंगली जानवर दिखाई दे तो उसकी सुचना तुरंत विभाग को दे।
गौर रहे कि कुनिहार पँचायत के खनोल गाँव के एक ग्रामीण के आंगन में 14 मई की रात को जंगली बिल्ली का एक बच्चा पहुंच गया जिसे ग्रामीणों ने तेंदुए का बच्चा समझ लिया और क्षेत्र में तेंदुए के होने का भय हो गया। लेकिन 15 मई को जब ग्रामीणों ने इसे वन विभाग को सौंपा तो वन विभाग ने वन्य प्राणी विभाग से सम्पर्क कर इसका जंगली बिल्ली का बच्चा होने की पुष्टि की और विभाग ने इसे उसी जंगल मे छोड़ दिया ताकि बच्चा अपने परिवार से मिल सके।
