लॉक डाउन के दौरान सामुदायिक सहभागिता की मिसाल कायम कर रहे ग्रामीण
एक जुटता व मन मे जज्बे के कारण ही समाज मे कई मिसाले कायम होती है। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला में कुनिहार से लगती जाडली पंचायत का रायकोट बोकरा गांव, कोरोना लॉक डाउन के दौरान सामुदायिक सहभागिता की ऐसी ही एक अनूठी मिसाल कायम करते हुए गांव तथा गांव के आस पास की प्रगति के लिए अनेक कार्य कर रहा है।
गौरतलब है की कोरोना संकट के बाद गांव के जो युवा क्षेत्र के बाहर कार्य में लगे थे वो सभी गांव में समय रहते वापस आ गए थे तथा सभी ने मिलकर सामाजिक दूरी के साथ साथ सरकार द्वारा बताए नियमों का पालन करते हुए गांव में प्रगति कार्य जैसे गांव तथा गांव के आस पास की सफाई, जल के प्राकृतिक स्त्रोत की सफाई, कोरोना संकट में जरूरतमंदों को राशन सप्लाई, खेतों में ट्रेक्टर ले जाने के लिए सड़क इत्यादि को अंजाम दे रहे हैं।
लम्बे समय से गांव की बड़ी समस्या खेतों में ट्रेक्टर ले जाने की थी तथा जहाँ देश इस वक़्त कोरोना की मार झेल रहा है वहीँ गांव में सभी ने मिलकर पैसे इकट्ठे कर स्वयं भी श्रम दान किया तथा हर खेत तक ट्रेक्टर की सुविधा को अंजाम दिया। इस कार्य में श्रमदान के साथ लगभग 50000 रूपए गांव वालो ने लगाए। गांव का कहना है की अगर जिला प्रशासन की तरफ से कोई सहायता मिलती है तो चल रहे कार्यों में मजबूती आएगी तथा बरसात में होने वाले नुक्सान से बचा जा सकेगाI भविष्य में भी बोकरा गांव सामाजिक कार्य, जरूतमंदो की सहायता, रक्त दान, श्रम दान इत्यादि के लिए दृढ़ संकल्पित है। गावं वालो ने इस कार्य में सहयोग के लिये साथ ही लगते इशुआ गावं के रोशन शर्मा का आभार व्यक्त कियाI
