हिन्दू समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमल किशोर कपिल ने किया पौधा रोपण
विश्व पर्यावरण के दिवस पर हिन्दू समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमल किशोर कपिल ने पौधा रोपन करते हुए सन्देश दिया, कि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित रखना चाहते हैं, या बन्दर सहित अन्य मुकजीवों से भी अपनी फसलों को बचाना चाहते हैं तो फलदार पेड़ पोधों से प्रेम करना सीखो, क्यों कि एक पेड 10 पुत्रों के बराबर होता है।
आज लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए तेजी से जंगलों में जिस प्रकार फलदार पेड़ों को नष्ट कर रहें हैं, उसका खामियाजा आज किसानों को भुगतना पड़ रहा है। पक्षियों व बन्दरो सहित अन्य मुकजीवों को पेट भरपाई करने के लिए लोगों की फसलों का भक्षण करना पड़ रहा है, जिसके प्रभाव से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते प्रदेश सरकार बन्दरो को मारने की अनुमति देती है।
हिन्दू समाज पार्टी अध्यक्ष कमल किशोर कपिल ने कहा कि किसी भी जीव की हत्या करने से किसान व बागवान नही बचेगा, परन्तु जंगलों में अगर फलदार पोधों का रोपण किया जाए तो बन्दर व अन्य मुकजीवों के द्वारा फसलों को जो क्षति पहुंच रही है, उसपर अंकुश लगाया जा सकता है। प्रकृति से छेड़छाड़ करने का नतीजा आज प्रत्येक व्यक्ति को बीमारियों व बड़ी महामारियों को झेलना है। यही नही पेड़ पौधों को नष्ट करने के प्रभाव से आज पानी के लिए भी हाहाकार मच रहा है, साफ और स्वस्थ हवा की कमी महसूस हो रही है। अगर आज भी हम और हमारा समाज पर्यावरण के लिए जागृत नही हुआ तो आने वाले समय में पेयजल स्त्रोतों व आक्सीजन के लिए तड़फना होगा। आइये हम आप सभी मिलकर संकल्प लें-पेड़ लगाएं पर्यावरण बचाएं ओर अपना ओर आने वाली पीढ़ी का भविष्य बचाएं।
वर्तमान समय में पर्यावरण असन्तुलन की सबसे बड़ी समस्या ग्लोबल है, जिसकी वजह से पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है और मानव जीवन के कदम विनाश की ओर बढ़ रहें हैं। ऐसे समय मे अगर हमने पर्यावरण को बचाने के लिए कोई ठोस कदम नही उठाया तो वह दिन दूर नही जब हमारा अस्तित्व ही सम्पूर्ण खतरे में पड़ जाएगा। इस विषय पर सरकार को भी गंभीरता से कोई ठोस कदम उठाना चाहिए, जिससे की निर्भिग होकर लोग पेड़ पौधों को नष्ट ना कर सकें, अपितु एकजुट होकर जंगलों में फलदार व अनेकों प्रकार के पेड़ पौधें लगाएं ताकि पर्यावरण का संतुलन बना रहेगा और इसके प्रभाव से जंगल मे रेन बसेरा करने वाले बन्दरो व अन्य मुकजीवों से भी किसानों की फसलों को बचाया जा सकता है।
