झोंटो की छिंज के लिये होने लगी मांग

अर्की सायरोत्सव की मशहूर झोंटो की लड़ाई जिसे छिंज भी कहा जाता है, इसे दोबारा शुरू करने की मांग हो रही है।लगभग 450 वर्ष से चली आ रही प्रथा को न्यायालय द्वारा पशु बलि के नाम पर बन्द कर दिया गया था। 3 वर्ष पहले यहां झोंटो की छिंज पर न्यायालय द्वारा रोक लगा दी गयी थी। पर अब कुछ लोगों का केना है कि इससे मेले की रौनक और मुख्य आकर्षण खत्म हो चुका है। इस मेले में लोग दूर-दूर से झोंटो की छिंज देखने आते थे व झोटा मालिक भी यहां दूर-दूर से झोटे लाकर प्रदर्शनी भी लगाते थे। लोगों का कहना है कि उस समय लोगों में झोटा पालना भी एक शौक होता था।
अर्की व्यापार मंडल के अध्य्क्ष अनुज गुप्ता का कहना है कि सायरोत्सव मेला वर्षो से चली आ रही हमारी संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक है। यह मेला अर्की के इलावा पूरे प्रदेश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। हम सरकार से अपील करते है कि लोगों की भावनाओं को समझते हुए उच्च न्यायालय में अपील करे। वार्ड नम्बर 5 से दीपक कुमार वार्ड नम्बर 6 से गिरधारी लाल शर्मा व वार्ड नम्बर 7 से मनोज शर्मा ने कहा कि जब जलीकट्टू बन्द हुआ तो लोग सड़कों पर आ गए थे और सरकार को आध्यादेश लाकर उसे दोबारा शुरू करना पड़ा परन्तु हम शांतिपूर्ण अपनी बात रख कर अर्की सायरोत्सव की शान झोंटो की लड़ाई शुरू करवाने की मांग करते हैं।
