बिलासपुर: ज़िला स्तरीय हिंदी दिवस का आयोजन

भाषा एवं संस्कृति विभाग कार्यालय बिलासपुर द्वारा ज़िला स्तरीय हिन्दी दिवस का आयोजन क्षेत्रिय परिवहन अधिकारी कार्यालय बिलासपुर के संयुक्त तत्वावधान में सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता हेतु संस्कृति भवन बिलासपुर के कला केन्द्र हाल में प्रातः 11 बजे किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रिय परिवहन अधिकारी शिवकुमार पराशर व ज़िला भाषा अधिकारी नीलम चन्देल ने की । मंच संचालन कविता सिसोदिया ने किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ साहित्यकारों द्वारा मां सरस्वती का दीप प्रज्जवलित करके किया गया।
गोरखू राम शास्त्री द्वारा मां सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की। उसके उपरान्त नरैणु राम हितैषी ने ‘‘ हिन्दी,हिन्द देश की प्यारी जुबान है", रविन्द्र भटटा ने ‘‘ भैंस के आगे बीन बजाने से क्या लाभ‘‘, प्रदीप गुप्ता ने ‘‘ मेरी भाषा के लोग‘‘ शीर्षक से रचना प्रस्तुत की। हुसैन अली ने ‘‘ दुनियां इसलिए बुरी नहीं कि यहां बुरे लोग ज्यादा है", रामपाल डोगरा ने ‘‘ इस छोटी सी भूल के लिए मुझे अलविदा न कहना", अमर नाथ धीमान ने ‘‘ जन-जन की है यह भाषा हर जन, हर मन तक हो प्रसार",
रविन्द्र शर्मा ने ‘‘ एक दिन रास्ते में मुझे खुशी मिल गई, मैंने पूछा कहां रहती हो", जसबन्त सिंह ने कहा कि ‘‘नारी का सम्मान करो", डॉ. प्रशान्त आचार्य ने ‘‘ क्यों ना", डॉ ए.आर.सांख्यान ने ‘‘ हिन्दी वन्दना", श्याम लाल शर्मा ने ‘‘ ओ राष्ट्रभाषा तुझे प्रणाम", जमुना सांख्यान ने ‘‘ घाटी करे पुकार", प्रतिभा शर्मा ने ‘‘ विकसित हो मन की अभिलाषा‘‘ तथा सड़क सुरक्षा पर ‘‘ बैल्ट बांधकर चलना होगा" प्रस्तुत की ।
कविता सिसोदिया ने ‘‘ सड़क पर सुरक्षा नियम अपनाएं, जीवन है अनमोल सबका इसे बचाएं", विजय सहगल ने ‘‘ आओ जन-जन तक ये संदेश पहुचाएं, हिन्दी है हमारी राष्ट्रभाषा इस तहे दिल से अपनाएं" , तृप्ता देवी ने ‘‘ सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा, नियमों का पालन करेंगे", सन्देश शर्मा ने ‘‘ श्रद्धा समर्पण साधिनि करूणा प्रेम आराधिनी", संतोष कुमारी ने ‘‘ हम हैं हिन्दोस्तानी हिन्दी भाषा हमको प्यारी है‘‘, सुरेन्द्र मिन्हास ने ‘‘ आवा सडकां पर जुगदी चलिए,अपणी गलतीयां ने लोकां जो नी दलिए", मीना चन्देल ने ‘‘ शब्द मात्र जरिया नहीं", सत्या शर्मा ने ‘‘ हिन्दी भाषा की जननी संस्कृत है, जो छंद अलंकारों से अलंकृत है", दिनेश कुमार ने ‘‘ चमक नही तो आंखों में, अठन्नी देख कभी जो आती थी", पेश की।
शिवपाल गर्ग ने ‘‘ चान्द जो तो सजा है जगरातों को , वेगुनाह चान्दनी बेबजह क्यों जगी", कौशल्या देवी ने ‘‘ हिन्दी का वर्चस्व,भारत मां की शान है‘", अंकिता देवी ने ‘‘ सरल हूं सहज हूं, प्यारी हूं न्यारी हूं", डॉ प्रशान्त आचार्य ने ‘‘ सागर को गहराई तक चीर दूं, या उन लहरां में जिनके सा बहूं",प्रस्तुत की। इसके उपरांत रविकुमार सांख्यान की कविता का शीर्षक था ‘‘ हिन्दी राष्ट्रभाषा‘‘ पंक्तियां थी- सिन्धु धाटी में मिले तेरे प्रमाण, आज क्यों लडखडाया तेरा स्वाभिमान", अरूण डोगरा रीतू ने कहा ‘‘ अपनी इकलौती पत्नी जबसे बनी है सास ‘‘ फोन करता हूँ तो कहती है चुप बहु बैठी है पास", सोनू शर्मा ने ‘‘ जन-जन की प्यारी भाषा है हिन्दी", बीना बर्धन ने ‘‘मैं हिन्दी हूं मैं हिन्दुस्तान", सुशील पुण्डीर ने ‘‘ सड़क हूं मैं ‘‘ शीर्षक से रचना प्रस्तुत की ।
अन्त में कार्यक्रम के अध्यक्ष क्षेत्रिय परिवहन अधिकारी शिवनारायण पराशर ने यातायात के नियमां के पालन करने बारे विस्तार से जानकारी दी और उन्होंने कहा कि यदि हम यातायात के नियमों को पालन सही ढंग से करते है तो काफी संख्या में सड़क दुर्धटनाओं से बच सकते है और कई लोगां की जान बचा सकते हैं। जिला भाषा अधिकारी ने क्षेत्रिय परिवहन अधिकारी का कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आभार व्यक्त किया तथा सभी को हिन्दी भाषा का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करने को कहा तथा विभागीय योजनाओं की जानकारी भी दी तथा सभी साहित्यकारों का इस कार्यक्रम में रचनाएं प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद किया। इस अवसर पर इन्द्र सिंहं चन्देल, कान्ता देवी, अमर सिंह, प्यारी देवी, विशाल, अंशुल, नेहा, सपना इत्यादि काफी संख्या में दर्शक शामिल रहे।