कोरोना से लड़ने के लिए SFI सजग, दिए ये सुझाव
दिनांक 24 मार्च को SFI हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी द्वारा जारी एक प्रेस वक्तकय के माध्यम से SFI ने कोरोना वायरस से बचने के लिए सरकार के सामने कुछ सुझाव पेश करते हुए प्रदेशवासियों से भी अपील की है।
●प्रदेश और देश के लोग COVID -19 के प्रसार के खिलाफ गंभीर लड़ाई के बीच में हैं। कई राज्यों में, इस घातक वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एक सामान्य लॉकडाउन लागू किया जा रहा है जो हमारे प्रदेश में भी किया गया है।
●इस तरह के लॉकडाउन के दौरान, विशेष रूप से घोषित लक्षणों वाले लोगों के परीक्षण को और अधिक स्तर पर करना अनिवार्य है। इस आधार पर, विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान की जा सकती है और ऐसे क्षेत्रों में लागू किए जाने वाले लॉकडाउन की पहचान की जा सकती है।
●नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी द्वारा अनुमोदित सभी परीक्षण किटों का उपयोग किया जाना चाहिए। यह अजीब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक परिपत्र जारी किया है कि केवल यूएस एफडीए(अमरीकी दवा प्राधिकरण) और यूरोपीय ईसी द्वारा अनुमोदित परीक्षण किट का ही उपयोग किया जाएगा। रिपोर्टों से पता चलता है कि केवल गुजरात में एक निर्माता है जो इस तरह की किट का उत्पादन करता है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, इस परिपत्र को वापस ले लिया जाना चाहिए और एनआईवी द्वारा अनुमोदित सभी किटों को तत्काल उपयोग के लिए तैनात किया जाना चाहिए।
●करोड़ों परिवार जो अपने परिवार की दैनिक कमाई पर जीवित रहते हैं, वे वर्तमान में इस तरह के लॉकडाउन के कारण गंभीर रूप से पीड़ित हैं। यह आवश्यक है कि तुरंत कम से कम ₹ 5,000 जन धन खातों और बीपीएल लाभार्थियों को हस्तांतरित किया जाना चाहिए।
●मध्याह्न भोजन योजना से लाभ पाने वाले बच्चों के परिवारों को राशन किट की आपूर्ति की जानी चाहिए।
●छात्रों की परीक्षा व प्रेक्टिकल को स्थगित किया जाना चाहिए।
● SFI कोरोना वायरस की गम्भीरता को देखते हुए आम जनता से अपील भी करती है कि हमें हर तरह के आवशयक ऐहतियात बरतते हुए अफवाहों से बचना चाहिए तथा इस संदर्भ में फैलाई जा रही भ्रांतियों व गैरवैज्ञानिक पाखण्ड से दूर रहने की आवश्यकता है।
●सभी बीपीएल / एपीएल परिवारों को पीडीएस के माध्यम से मुफ्त राशन एक महीने के लिए दिया जाना चाहिए।
●दुनिया के कई देशों की तरह कोरोना से बचने के लिये आवश्यक दवाएं व सामग्री जैसे सेनेटीज़र, मास्क,आदि का प्रदेश में भी इसी तरह मुफ्त प्रबंधन करना चाहिए।
●इसके साथ ही मझले व छोटे उद्योगों (एसएमई) और खुदरा व्यापारियों के साथ-साथ ईएमआई पर एक वर्ष के लिए बैंक ऋण पर स्थगन होना चाहिए।
●अब जब विधानसभा में बजट पर चर्चा हो ही रही है , तो प्रदेश सरकार को लाखों लोगों के जीवन और आजीविका को बचाने के लिए पर्याप्त पैकेज के लिए अलग से धनराशि निर्धारित करनी चाहिए।
Sfi राज्य सचिव अमित ठाकुर ने बताया कि आज जीवन बचाने के लिए हमारे संसाधनों का उपयोग करने का समय है और हमें राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने के लिए चिंताओं का शिकार नहीं होना चाहिए।
