1999 से गौवंश की सेवा में लगी है ठाकुर हरिदास मैमोरियल गऊ सेवा समिति
मन मे लगन हो और कुछ करने का इरादा तो किसी भी कार्य को मुमकिन किया जा सकता है। ऐसा ही कार्य कर दिखाया है ठाकुर हरिदास मैमोरियल गऊ सेवा समिति कुनिहार ने जो पिछले 21 वर्षों से इस पुनीत कार्य को निरन्तर करती चली आ रही है।
जी हां हम बात कर रहे हैं कुनिहार पँचायत के बझोल घाटी के गौशाला की जिसकी शुरूआत 1999 में सड़कों पर बेसहारा छोड़ी 5 गायों के पालन पोषण से राजेन्द्र ठाकुर द्वारा की गई थी व आज इस गौशाला में 100 से ऊपर बेसहारा गौवंश समिति की देख रेख में पल रहा है। लोग इधर उधर से रात के अंधेरे में गौवंश को छोडजाते थे व यह गौवंश सड़को पर बेसहारा घूमता रहता था जो लोगों की फसलों को भी नुकसान पहुंचाता था तो कई बार लोगों पर हमला भी कर देता था। लोगों की यह समस्या गौशाला की वजह से दूर हो गई है।
समिति द्वारा जँहा इस बेसहारा गौवंश को छत दी गई है तो वंही इनके खाने पीने, नहाने व स्वास्थ्य की देखभाल भी समिति द्वारा बखूबी की जा रही है। इनकी सेवा व देखरेख के लिए समिति द्वारा 6 लोग रखे गए है जो दिनरात इनकी देखभाल कर रहे हैं। समिति अध्यक्ष राजेन्द्र ठाकुर द्वारा किए इस कार्य की क्षेत्र के लोग खूब सराहना करते हैं।
लोगों का कहना है कि इस बेसहारा छोड़े गौवंश को गौशाला मिलने से हमारी फसलें भी सुरक्षित हो गई है व इधर उधर सड़को पर घूमता गौवंश कई बार लोगों पर हमला भी कर देता था जिससे लोग निडर होकर बाजार आ जा सकते हैं।
समिति सदस्य अमरीश ठाकुर ने बताया कि गौशाला में साफ सफाई की उचित व्यवस्था के साथ साथ गौवंश के खाने पीने व स्वास्थ्य जांच का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। हफ्ते में दो बार लगभग डेढ़ किवंटल दलिया पकाकर गौवंश को परोसा जाता है। उन्होंने बताया कि लोगों का सहयोग भी समय समय पर इस पुनीत कार्य में मिलता रहता है।
