492 युवाओं को नशा निवारण अभियान के तहत किया गया जागरूक

देश एवं प्रदेश के सुरक्षित भविष्य तथा अपने परिवार के लिए युवाओं का नशे से दूर रहना आवश्यक है। यह जानकारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा सोलन जिला के विभिन्न स्थानों पर नशा निवारण अभियान के तहत प्रदान की गई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिभागियों को बताया गया कि विभिन्न प्रकार के नशे केवल हमंे भ्रमित करते हैं और इनके सेवन से हमारा शरीर खोखला हो जाता है। नशे का आदी व्यक्ति नशे के लिए अपराध करता है तथा इस प्रकार अपने और अपने परिवार के लिए समस्याएं उत्पन्न कर देता है। प्रतिभागियों का जानकारी दी गई कि नशे का सेवन बार-बार व्यक्ति को नशा करने के लिए उकसाता है। नशा निवारण शिविरों में युवाओं को बताया गया कि नशे से दूर रहने के लिए सर्वप्रथम उन्हें नशे को न कहना सीखना होगा। यदि युवा यह प्रतिज्ञा कर लें कि वे स्वंय भी नशे से दूर रहेंगे और अपने साथियों को भी नशे से दूर रखेंगे तो समाज से नशे का खात्मा किया जा सकता है। प्रतिभागियों को नशे के कारण होने वाली विभिन्न बीमारियों की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। नशे के दुष्प्रभावों से पीड़ित के व्यवहार में होने वाले बदलाव से भी अवगत करवाया गया। युवाओं को बताया गया कि कुछ नशे इतने खतरनाक हैं कि उनकी मात्र तीन खुराक लेने के बाद व्यक्ति सदा के लिए नशे का आदि हो जाता है। सभी को अवगत करवाया गया कि नशा उन्मूलन के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं लेकिन कोई भी प्रयास जन सहभागिता के बिना अधूरा है। सभी से आग्रह किया गया कि नशे के नाश के लिए एकजुट होकर कार्य करें। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जिला के विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा शैक्षणिक संस्थानों में 492 प्रतिभागियों एवं छात्रों को नशे से होने वाली हानियों के बारे में अवगत करवाया गया। चिकित्सा खंड चंडी के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र खरोटा में 45, आंगनबाड़ी केंद्र दाउंटा में 20, आंगनबाड़ी केंद्र नया नगर में 30, चिकित्सा खंड सायरी के गांव कुम्हाला में 15, जीईटीएस कहलोग एनजीओ में 120, चिकित्सा खंड नालागढ़ के आंगनबाड़ी केंद्र घट रतवाड़ी में 30, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला राजपुरा में 150, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बारियां में 50, चिकित्सा खंड अर्की की राजकीय माध्यमिक पाठशाला रौड़ी में 52, चिकित्सा खंड धर्मपुर के आंगनबाड़ी केंद्र दियोठी में 50, आंगनबाड़ी केंद्र जोहड़जी में 30 प्रतिभागियों को नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी प्रदान की गई।