पूर्व सैनिक की विधवा बेटी को सेना ने दिया सहारा, लगाई ₹16000 मासिक पेंशन
उपमंडल ज्वालामुखी की तहसील खुंडियां के भटाओं गांव की 50 वर्षीय, संतोष कुमारी ने जीवन में अनेकों दुख सहे हैं। 2013 में इनकी माता जी का देहांत हो गया था। 2015 में पति की मृत्यु के बाद चार बेटियों और एक छोटे बेटे के जीवनयापन का भार इन पर आ गया। 2017 में पूर्व सैनिक पिता की मृत्यु के बाद अंतिम सहारा भी समाप्त हो गया। सेना से डिपेंडेंट पेंशन की गुहार 2018 में शुरू की लेकिन इनका नाम पिता के आर्मी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं था। नाम दर्ज करवाने के दस्तावेज पूरा करने में तीन साल लग गए। सितंबर 2022 में इलाके के समाजसेवी रिटायर्ड कर्नल एमएस राणा ने केस संभाला और चार महीनों के अंतराल में आर्मी रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवा दिया।
पेंशन के दस्तावेज गत वर्ष अप्रैल में जिला सैनिक कल्याण विभाग हमीरपुर के माध्यम से भेजे गए थे। अब संतोष कुमारी को लगभग सोलह हजार की मासिक पेंशन लगी है। इस कार्य के लिए संतोष कुमारी ने विशेष कर सेना, जिला सैनिक कल्याण विभाग हमीरपुर और पूर्व सैनिक लीग खुंडियां का धन्यवाद किया किया है। कर्नल राणा ने बताया कि इस तरह के केस में उन्हीं बेटियों को सेना से पेंशन लगती है जिन के परिवार की मासिक आय नौ हजार से कम तथा अन्य शर्ते भी पूरा करती हों। यह पेंशन तब तक मिलती है जब तक वह पुनर्विवाह न करे या स्वयं कम से कम नौ हजार रुपए प्रति माह कमाने न लग पड़े।