अद्धभूत : बैजनाथ में नहीं है एक भी सुनार की दूकान

दुनिया में ऐसा शायद ही कोई बाजार होगा, जहां सुनार यानी ज्वेलर्स की दुकान न हो। किन्तु हिमाचल प्रदेश में एक शहर ऐसा भी है, जहां एक भी सुनार की दुकान नहीं है। जिला कांगड़ा के बैजनाथ में सुनार की एक भी दुकान नहीं है। जबकि इस शहर के महज एक किलोमीटर या कहें साथ में बसे दूसरे कस्बे पपरोला में सुनार की दर्जनों छोटी बड़ी दुकानें हैं।
ऐसा माना जाता है कि बैजनाथ में जिस ने भी कभी सुनार की दुकान खोली या तो उसे काफी घाटा हुआ या फिर आग ने दुकान को जलाकर राख कर दिया। 70 के दशक तक भी यहां कोई सुनार की दुकान नहीं थी। कहा जाता था कि बैजनाथ में न दशहरा हो सकता है और नही यहां सुनार की दुकान खुल सकती है। बावजूद इसके वर्ष 1975 के आसपास यहां एक सुनार ने दुकान शुरू की। दुकान शुरू किए अभी कुछ ही दिन हुए थे कि दुकान आग की भेंट चढ़ गई। इसके बाद कुछ दुकानें और शुरू हुई थी, लेकिन वे दुकानें भी घाटे में जाकर बंद हो गई। इसके बाद फिर किसी ने यहां सोने चांदी का कारोबार करने की हिम्मत नहीं की। इसका कोई प्रमाण आज तक नहीं मिला है कि ऐसा क्यों होता है, लेकिन कहीं न कहीं इसका संबंध यहां मौजूद शिव मंदिर से जोड़ा जाता है।