1857 में वाह के नवाब ने लगाया था पालमपुर में पहला टी एस्टेट

कांगड़ा चाय अपनी गुणवर्ता के लिए पूरी दुनिया में विशिष्ठ पहचान रखती है। ब्रिटिश राज के दौरान कांगड़ा में चाय उगाने की शुरुआत हुई थी और सबसे पहले साल 1848 में अंग्रेजों ने इसे लेकर सर्वे किया था। बोटोनिकल गार्डन्स ऑफ़ नार्थ वेस्ट प्रोविंस के सुपरिंटेंडेंट डॉ जेम्ससन ने ये सर्वे करवाए थे। 1848 में डॉ जेम्ससन पेशावर से कांगड़ा आये और उन्हें धौलाधार रेंज के कई क्षेत्र चाय उगने के लिए उपयुक्त लगे। इसके बाद 1852 में पालमपुर के होलटा में चाय उगाने की शुरुआत हुई। 1857 में पालमपुर में पहला टी एस्टेट लगा जिसका नाम 'वाह टी एस्टेट' है। ये वाह के नवाब द्वारा लगया गया था और वाह क्षेत्र अब पाकिस्तान में आता है। 'वाह टी स्टेट' आज भी मौजूद है। इसके आबाद धीरे धीरे चाय के बागान बढ़ते गए और आज कांगड़ा चाय वैश्विक पटल पर अपनी अलग पहचान बनाये हुए है।